सूर्य देव ने कर्क राशि में प्रवेश कर लिया है, जिसे कर्क संक्रांति कहा जाता है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य हर महीने राशि बदलते हैं और कर्क संक्रांति का विशेष महत्व है. श्रावण मास में सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश से बुधादित्य राज योग बन रहा है. हालांकि, ज्योतिष जानकारों के मुताबिक, सूर्य का अग्नि तत्व और कर्क राशि का जल तत्व मिलकर अच्छी स्थिति नहीं बनाते. इस गोचर से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, बीमारियों का भय और जल से संबंधित आपदाएं जैसे बाढ़ की आशंका बढ़ सकती है. शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी दिक्कतें आ सकती हैं और आंतरिक कलह का योग बन रहा है. वैश्विक स्तर पर भूकंप, सुनामी और विमान दुर्घटनाओं जैसी हलचल की संभावना है, साथ ही किसी बड़े राजनेता को भी स्वास्थ्य संबंधी या अन्य दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि, भारत के लिए यह समय आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति के क्षेत्र में मजबूत रहने वाला है. भारत विश्व शक्ति के रूप में उभरेगा और कई क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाएगा. प्रधानमंत्री के लिए भी यह समय अनुकूल बताया जा रहा है. कर्क संक्रांति पर दान, पवित्र नदियों में स्नान और शिव मंत्रों का जप लाभकारी माना गया है.