उत्तर प्रदेश की आबादी 24 करोड़ है, जिसमें अपराध और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए डायल 112 एक एकीकृत सेवा के रूप में कार्य करता है. पहले डायल 100 के नाम से जानी जाने वाली यह सेवा नवंबर 2016 से डायल 112 के नाम से उपलब्ध है. डायल 112 पुलिस, मेडिकल और फायर जैसी सभी आपातकालीन जरूरतों के लिए एक ही नंबर प्रदान करता है. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहती है और प्रतिदिन 80,000 से 1,00,000 कॉल प्राप्त करती है, जिनमें से 40,000 से 45,000 शिकायतें दर्ज की जाती हैं. सेवा के तहत 6278 वाहन तैनात हैं, जिनमें 4278 चार पहिया वैन और 2000 बाइक शामिल हैं. डायल 112 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे WhatsApp, Facebook, X और Instagram के माध्यम से भी सहायता प्रदान करता है. यह सेवा सटीक स्थान का पता लगाकर डेढ़ मिनट में वाहन रवाना करती है और 7 मिनट के भीतर शिकायतकर्ता तक पहुँच जाती है. डायल 112 ने आत्महत्या रोकने, सड़क पर गाड़ी खराब होने, परीक्षार्थियों की मदद, कोविड राहत कार्यों और बड़ी घटनाओं की निगरानी जैसे कार्य किए हैं. प्रतिदिन 10,000 से 15,000 न्यूसेंस कॉल भी आती हैं, जिन पर कार्रवाई की जाती है. यह सेवा उत्तर प्रदेश के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है.