भारतीय परंपरा, सोच और संस्कार में महिलाओं को उच्च स्थान पर रखा जाता है. महिलाओं को परिवार की धुरी के तौर देखा जाता है. प्राचीन काल में संतानों की पहचान मां से होती है लेकिन इसी भारत में सोच और सामाजिक व्यवहार में अंतर भी दिखता है. रूढ़ियों की बेड़ियां भी दिखती हैं और उन बेड़ियों को तोड़ने और कुरीरितों के खिलाफ आवाज उठाने का हौसला भी दिखता है.
In this special episode, we discuss how women are breaking the shackles of stereotypes and creating their own path ways.