वेदों में इस दिन वरुण,इंद्र,अग्नि की पूजा की जाती है. साथ में गायों का श्रृंगार करके उनकी आरती की जाती है और उन्हें फल मिठाइयाँ खिलाई जाती हैं - गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिकृति बनाई जाती है. इसके बाद उसकी पुष्प,धूप ,दीप , नैवेद्य से उपासना की जाती है. इस दिन एक ही रसोई से घर के हर सदस्य का भोजन बनता है.