किस्मत कनेक्शन में शैलेंद्र पांडेय ने पितृपक्ष के महत्व और विधान पर चर्चा की। इस बार पितृपक्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहेगा। पितृपक्ष में पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृपक्ष में पितरों को नियमित रूप से जल अर्पित किया जाता है, जिसे तर्पण कहते हैं। तर्पण दक्षिण दिशा की ओर चेहरा करके, दोपहर के समय, जल में काला तिल मिलाकर और हाथ में कुश लेकर किया जाता है।