शनिदेव को ज्योतिष के नौ ग्रहों में सबसे अधिक भयभीत करने वाला ग्रह माना जाता है। यदि शनि अनुकूल न हों तो जीवन में संघर्ष की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। कार्यक्रम में बताया गया कि रुद्राक्ष का प्रयोग करके शनि संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र का नेत्र, और इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से मानी जाती है। रुद्राक्ष का प्रयोग प्राचीन काल से आभूषण, मंत्र जप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए होता रहा है। शनि की पीड़ा दूर करने और कृपा पाने के लिए सही रुद्राक्ष का चुनाव और पहनने के नियम जानना आवश्यक है.