सावन के पावन महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है. शिवलिंग को शिवजी का निराकार स्वरूप माना जाता है, जिसमें शिव और शक्ति दोनों समाहित होते हैं. शिवलिंग की उपासना से शिव और शक्ति दोनों की उपासना पूर्ण होती है. शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के शिवलिंगों की पूजा का प्रावधान है, जैसे स्वयंभू, नर्मदेश्वर, जनेवधारी, सोने-चांदी के और पारद शिवलिंग. स्वयंभू शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा फलदायी मानी जाती है. शिवलिंग पर कोई भी पदार्थ अर्पित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए; जलीय पदार्थ धारा बनाकर और ठोस पदार्थ दोनों हाथों से अर्पित करना चाहिए.