गणेश चतुर्थी 27 अगस्त से शुरू हो रही है और देशभर में गणपति प्रतिमाओं को बनाने का काम तेजी से चल रहा है. इस बार बाजार में इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग अधिक है. महाराष्ट्र के अकोला की रेवती भागे पिछले 10 सालों से लाल और काली मिट्टी से इको-फ्रेंडली प्रतिमाएं बना रही हैं. उन्होंने 1000 से अधिक मूर्तियां बनाई हैं और इस साल 30,000 से अधिक पौधों और फूलों के बीज मुफ्त बांट रही हैं. राजस्थान के अजमेर के मुरलीधर भी 25 सालों से पर्यावरण के अनुकूल गणेश मूर्तियां बना रहे हैं. उनका कहना है, "मिट्टी के कारण ये है की विसर्जन हो जाती है.