प्रार्थना स्वीकार कार्यक्रम में हनुमान जी के गुणों पर चर्चा की गई। उन्हें अजर अमर माना गया है और वे धरती पर वास करते हैं। उनके भीतर कई ऐसे गुण हैं जिन्हें जीवन में शामिल करके उच्च व्यक्तित्व पाया जा सकता है। हनुमान जी बल, बुद्धि और विद्या के सागर हैं। वे परम ज्ञानी होते हुए भी अपने ज्ञान का प्रदर्शन नहीं करते। हनुमान जी ने हमेशा मर्यादा का पालन किया। "ज्ञान कितना भी ज्यादा क्यों ना हो, इंसान को मर्यादा का ध्यान हमेशा रखना चाहिए।" वे परम कर्मयोगी हैं और अपने हर कर्तव्य का पालन सही समय पर करते हैं।