फाल्गुन शुक्ल अष्टमी आते ही होलाष्टक का प्रभाव शुरू हो जाता है. शास्त्रों में फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा गया है. पौराणिक मान्यता है कि होली के पहले के आठ दिनों यानी अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक विष्णु भक्त प्रह्लाद को काफी यातनाएं दी गई थीं. प्रहलाद को फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को ही हिरण्यकश्यप ने बंदी बनाया, प्रह्लाद को जान से मारने के लिए तरह-तरह की यातनाएं दी गईं. यातनाओं से भरे उन आठ दिनों को ही अशुभ मानने की परंपरा बन गई.
In this episode of Prarthna Ho Swikaar, we explain all about Holashtak and important points associated with it.