जब भी हम होते हैं परेशान तो याद आते हैं भगवान. ये हमारी आस्था भी है और विश्वास भी जब भी हम मुश्किलों के भंवर में होते हैं तो हम अपनी अर्जी भगवान के दर में लगाते हैं. मंदिरों में जाते हैं. पूजा-पाठ करते हैं. यज्ञ और अनुष्ठान करवाते हैं. या फिर जिस भी हालात में होते हैं वहीं से ईश्वर का सुमिरन करते हैं. और विकट हालात से निकलने पर भगवान को कोटि-कोटि धन्यवाद भी देते हैं. आज हम जानेंगे कि कैसे आपके सुख और दुख से है भगवान का कनेक्शन. जब हम बीमार होते हैं तो अस्पताल जाते हैं. संबंधित बीमारी से संबंध रखने वाले विभाग में जाकर इलाज करवाते हैं. कुछ इसी तरह से चलती है विधाता की सत्ता. वैसे तो मुश्किल में हम कभी भी भगवान को पुकार सकते हैं. लेकिन किस परेशानी में कौन से भगवान के दर पर अर्जी लगाने की परंपरा रही है.चलिए जानते हैं.