इस वीडियो में हम इष्ट देव की महिमा और उनके महत्व पर प्रकाश डाला. ईश्वर और इष्ट देव अलग-अलग होते हैं. जहां ईश्वर सृष्टि के पालनहार हैं, वहीं इष्ट देव व्यक्ति के निजी आराध्य होते हैं, जिनकी उपासना से जीवन में सफलता और मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होती हैं. ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के लग्न से पंचम राशि के स्वामी ग्रह और उनके देवता ही व्यक्ति के इष्ट देव होते हैं. हालांकि, यह भी बताया गया कि ग्रहों का निर्धारण इष्ट देव से नहीं होता, बल्कि जन्म जन्मांतर के संस्कारों से होता है. कार्यक्रम में सूर्य देव की उपासना को भी विशेष कल्याणकारी बताया गया, जिससे सम्मान, स्वास्थ्य और चतुर्दिक तरक्की मिलती है. विभिन्न समस्याओं के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं की उपासना के उपाय भी सुझाए गए.