कलावा, तीन धागों का एक मिश्रण होता है. आमतौर पर यह सूत से तैयार किया जाता है. इस मौली को कलाई पर बांधने के कारण 'कलावा' भी कहा जाता है. सनातन धर्म में कलावा का विशेष महत्व है. हर पूजा उपासना में नया कलावा धारण करने का नियम है. इसके धागे के रंग त्रिशक्तियों (ब्रह्मा , विष्णु और महेश) के प्रतीक माने जाते हैं. प्रार्थना हो स्वीकार के इस खास एपिसोड में जानिए कलावा का महत्व और इसे धारण करने के लाभ.
In this episode of Prarthna Ho Swikaar, we explain the importance of the sacred thread Kalawa and its benefits.