नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप माँ कूष्मांडा की उपासना की जाती है। जिनकी मंद मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई, वे अष्टभुजा देवी सिंह पर सवार हैं। इनकी आराधना से न सिर्फ मनोकामनाओं की पूर्ति होती है बल्कि नव ग्रहों को भी बलवान बनाया जा सकता है। विशेषकर, कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है.