प्रार्थना हो स्वीकार में आज हम पवनपुत्र हनुमान जी की बात करते हैं. आपने बजरंगबली की प्रतिमा वाले कई मंदिर देखें होंगे, लेकिन भारत में एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है जहां भक्तों को विश्राम अवस्था में महावीर के दर्शन होते हैं. मान्यता है कि रावण का वध करने के बाद प्रभु श्रीराम माता सीता के साथ अयोध्या लौट रहे थे तब उनके साथ पवनपुत्र हनुमान. कथा कहते है कि रावण की विशाल सेना से युद्ध लड़ते-लड़ते हनुमान जी भी घायल हो गए थे. तब पवनपुत्र के घावों पर माता सीता ने लेपन लगाया था.