प्रार्थना हो स्वीकार (Prarthna Ho Swikaar) में आज बात शिव तांडव स्तोत्र (Shiv Tandav Stotram) की. भगवान् शिव के परम भक्त रावण (Rawan) द्वारा की गई स्तुति शिव तांडव स्तोत्र का विशेष महत्व है. यह स्तुति छन्दात्मक है और इसमें बहुत सारे अलंकार हैं. माना जाता है कि रावण जब कैलास लेकर चलने लगा तो शिव जी ने अंगूठे से कैलास को दबा दिया. फलस्वरूप कैलास वहीँ रह गया और रावण दब गया. तब रावण ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए जो स्तुति की .