हमारे खास कार्यक्रम 'प्रार्थना हो स्वीकार' में आज हम वटवृक्ष (बरगद) और पीपल के पेड़ की महिमा पर चर्चा कर रहे हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार, 'अगर झूठा लांछन कोई लग जाए व्यक्ति के ऊपर तो इस प्रकार पूजन करने से वो झूठा लांछन समाप्त हो जाता है'. सनातन धर्म में इन वृक्षों को पूजनीय माना गया है. मान्यता है कि इनमें 33 कोटि (प्रकार) के देवताओं का वास है. वट सावित्री व्रत पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए बरगद की पूजा करती हैं, जो भारत का राष्ट्रीय वृक्ष भी है. यह कथा सावित्री द्वारा यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाने की याद दिलाती है. वहीं, पीपल के वृक्ष को भगवान कृष्ण ने गीता में अपना स्वरूप बताया है और इसी प्रजाति के बोधि वृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. कार्यक्रम में इन दिव्य वृक्षों की पूजा का सही विधान और लाभ बताए गए हैं.