कर्क संक्रांति से ही सूर्य देव दक्षिणायन हो जाते हैं, जिसका अर्थ है कि सूर्य की दक्षिण दिशा की यात्रा शुरू हो चुकी है...यह देवताओं की रात्रि का भी प्रतीक माना जाता है. सूर्य देव हर माह अपना राशि परिवर्तन करते हैं. इस बार होने वाली है सूर्य की कर्क संक्रांति छह माह तक सूर्य देव रहेंगे दक्षिणायन इसके बाद मकर संक्रांति पर सूर्य नारायण उत्तरायण होते हैं. इस काल में सूर्य देव की उपासना परम फलकारी मानी गई है. संसार को अपनी ऊर्जा से जीवन देने वाले भगवान सूर्य के तेज से ही संसार प्रकाशित है. और संसार ही क्या ये ब्रह्माड भी सूर्य की किरणों से जगमगा रहा है. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक सूर्य हर महीने राशि बदलते है। इस महीने सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करने वाले हैं.