जीएनटी के कार्यक्रम 'प्रार्थना हो स्वीकार' में शनि देव के ज्योतिषीय महत्व पर चर्चा की गई। इसमें बताया गया कि शनि केवल दंड ही नहीं देते, बल्कि कर्मों के अनुसार फल भी प्रदान करते हैं। कार्यक्रम में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और कुंडली के विभिन्न भावों में उनके प्रभाव को समझाया गया, साथ ही शनि को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया.