यह विशेष कार्यक्रम 'प्रार्थना हो स्वीकार' दर्श अमावस्या के महत्व पर प्रकाश डालता है, जिसे मार्गशीर्ष अमावस्या भी कहा जाता है। इसमें पितरों के तर्पण, पितृ दोष से मुक्ति के उपाय और भगवान विष्णु की पूजा के विधान पर चर्चा की गई है। कार्यक्रम में बताया गया है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान, और पीपल के वृक्ष की पूजा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.