प्रार्थना और स्वीकार में भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य अस्त्रों की महिमा पर चर्चा की गई। श्रीकृष्ण को पूर्णब्रह्म और सोलह कलाओं से संपन्न श्रीहरि का संपूर्ण अवतार माना जाता है। उनके पास सुदर्शन चक्र, कौमोदकी गदा, सारंग धनुष, पंचजन्य शंख और नंदक तलवार जैसे अस्त्र थे। सुदर्शन चक्र का उपयोग धर्म की स्थापना और पापियों के अंत के लिए किया गया। बांसुरी उनका सबसे दिव्य अस्त्र है, जिसकी धुन नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। श्रीकृष्ण की सम्मोहन शक्ति भी अद्भुत थी, जिसके बल पर उन्होंने कई कार्य किए.