भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं. इस रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के बीमार पड़ने की परंपरा है, जिसके बाद 14 दिनों तक उनका उपचार किया जाता है. कहा जाता है कि 'प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम बदलते देखा अपना मान रहे ना रहे परभक्त के मान को धरते देखा'.