विवाह पंचमी की धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा का विधान करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. पौराणिक कथाएं कहती हैं कि अनेकों प्रयास के बाद जब राजा जनक मां सीता केलिए एक वर नहीं तलाश पाए तब श्रीराम ने भगवान शिव का धनुष तोड़कर स्वयंवर की शर्त जीती और साथ ही जीत लिया मां सीता का दिल और बन गए मां सीता के जीवनसाथी.