शनिदेव को कर्मफल दाता और न्यायाधीश माना जाता है. वे व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं. यदि किसी ने पाप किया हो तो शनि उसे दंडित करते हैं, लेकिन श्री कृष्ण की उपासना से शनि के तमाम कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण की उपासना करने वाले पर शनि कभी क्रोधित नहीं होते. शनिदेव ने भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी. भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर उन्हें कोयल के रूप में दर्शन दिए थे. तभी से यह माना जाता है कि जो लोग भगवान कृष्ण की भक्ति करते हैं, शनिदेव उन्हें परेशान नहीं करते.