गणेश उत्सव के दूसरे दिन जीएनटी पर विशेष पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें गणपति जी की अर्चना, मंत्र जाप और आरती की गई. इस दिन मोदक, लाजा और दूर्वा का अर्पण किया जाता है, जिससे शास्त्रों के अनुसार मनोवांछित फल, पृथ्वी की संपदाएं और जीवन में चहुमुखी विकास प्राप्त होता है. पूजा की शुरुआत शुद्धिकरण से होती है, फिर पृथ्वी, दीप, गजानन गणेश, माँ गौरी और कलश का ध्यान किया जाता है. गजानन गणेश के द्वादश नामों का स्मरण विघ्नों को दूर करता है.