ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है. भीम ने एक मात्र इसी उपवास को रखा था और मूर्छित हो गए थे, अतः इसको भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है. इसके अलावा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष , चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति भी होती है. इस दिन अच्छे स्वास्थ्य तथा सुखद जीवन की मनोकामना पूरी की जा सकती है. इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई को रखा जाएगा.
Nirjala Ekadashi will be celebrated on May 31, 2023. In this episode of Kismat Connection, astrologer Shailendra Pandey explains the significance of Nirjala Ekadashi.