सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी दर्शन और 'देहरी पूजा' जैसी व्यवस्थाओं पर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने सवाल उठाया कि 'भगवान को एक मिनट भी आराम क्यों नहीं मिलता?' और प्रभावशाली एवं धनी लोगों के लिए अलग नियम क्यों हैं. इस मामले पर हुई एक सार्वजनिक बहस में संतों और सेवायतों के बीच मतभेद उभरकर सामने आए. एक ओर जहां बांके बिहारी मैनेजमेंट कमिटी के पूर्व सदस्य रजत गोस्वामी ने देहरी पूजा को सदियों पुरानी परंपरा बताया, वहीं महंत सीताराम दास ने मंदिर के व्यवसायीकरण पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे केवल कमाई का जरिया बताया.