दिल्ली में मॉनसून की दस्तक के साथ ही तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं. एक पूर्व एमसीडी चेयरमैन के अनुसार, 'जब वह तोड़े ही नहीं गए तो उन नालियों की सफाई होगी कैसे?' दिल्ली में 410 जलभराव हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं, और विभिन्न विभाग जैसे पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी और सिंचाई विभाग अपनी तैयारियों का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत पर सवाल बरकरार हैं. दिल्ली में मानसून की दस्तक के साथ जलभराव और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई के पहले सप्ताह में भारी बारिश की संभावना है, जिसके मद्देनजर पीडब्ल्यूडी ने तय किया है कि भारी बारिश होने पर अंडरपास में यातायात और पैदल चलने वालों को भी रोक दिया जाएगा. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जलजनित और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण और साफ-सफाई पर जोर दिया है, क्योंकि दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की अक्षमता और यमुना में बैकफ्लो की समस्या बनी हुई है. दिल्ली में हल्की बारिश से 11 लोगों की मौत हुई है. शहर में जलभराव की समस्या पुरानी पाइपलाइनों, अतिक्रमण और कम अवशोषण क्षेत्र के कारण बढ़ गई है, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा है. विशेषज्ञों ने कहा कि बारिश का पानी 'बहता हुआ सोना' है जिसे भूजल रिचार्ज के लिए उपयोग किया जाना चाहिए.