मान्यता है कि मौनी अमावस्या को पितृ धरती पर आते हैं. और मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में संगम में स्नान के साथ पितरों का तर्पण और दान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है. इसलिए कुंभ के सभी अमृत स्नानों में मौनी अमावस्या को बेहद खास माना गया है. अब से कुछ देर बाद मौनी अमावस्या लगने वाली है। लेकिन उदयातिथि के हिसाब से कल मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान होगा. मौनी अमावस्या पर कल अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी के किनारे श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. कल करीब 15 करोड़ लोगों के अमृत स्नान करने का अनुमान है.