शेफाली वर्मा ने दिखाया ऑलराउंड खेल
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई के डॉ.डीवाई पाटिल स्टेडियम में 2 नवंबर 2025 की रात इतिहास रच दिया. भारतीय टीम ने महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार कप पर कब्जा जमाया. इस जीत में तो सभी 11 भारतीय खिलाड़ियों ने अपना रोल निभाय लेकिन शेफाली वर्मा ने जिस तरह का ऑलराउंड खेल दिखाया. उसके लिए पूरी दुनिया हमेशा उन्हें याद रखेगी. शेफाली को पहले टीम इंडिया की वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल भी नहीं किया गया था लेकिन प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद शेफाली वर्मा को बुलावा आया और यहीं से उनकी किस्मत चमक गई. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शेफाली कुछ अच्छा नहीं कर पाई लेकिन फाइनल में तो अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से क्रिकेट प्रेमियों का अपना कायल बना दिया. वह महिला विश्व कप में सबसे युवा प्लेयर ऑफ द फाइनल बनीं. आइए जानते हैं इस धाकड़ खिलाड़ी की संघर्ष भरी कहानी.
फाइनल में बनाए इतने रन
शेफाली वर्मा ने महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में 78 गेंदों में शानदार 87 रन बनाए. इसमें उनके 7 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 111.54 का रहा. शेफाली जब 56 रन पर थी तभी उनका कैच दक्षिण अफ्रीका की एनेके बॉश ने छोड़ दिया. इस मौके को उन्होंने खूब भुनाया और भारत को विश्व चैंपियन बना दिया. शेफाल वर्मा ने मारिजाने कैप और सुने लूस के महत्वपूर्ण विकेट भी लिए. अपनी इस बेहतरीन पारी के लिए शेफाली वर्मा 21 साल 279 दिन की उम्र में विश्व कप फाइनल (पुरुष या महिला) में 'प्लेयर ऑफ द मैच' बनने वाली सबसे युवा क्रिकेटर बनीं.
मैच जीतने के बाद क्या बोलीं शेफाली
साउथ अफ्रीका से महिला विश्व कप जीतने के बाद शेफाली ने अपनी भावनाएं कुछ यूं बयां कीं. उन्होंने कहा, मैंने शुरू में कहा था कि भगवान ने मुझे कुछ अच्छा करने के लिए भेजा है और आज वो सच हो गया. मैं बहुत खुश हूं कि हमने आखिरकार विश्व कप जीत लिया. इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि टीम में देर से बुलाए जाने के बाद खेल पर फोकस करना मुश्किल था, लेकिन मैंने खुद पर भरोसा रखा. मेरे माता-पिता, भाई और दोस्तों ने बहुत सपोर्ट किया. उन्होंने हमेशा कहा कि शांत रहो और अपनी खेल पर भरोसा रखो. आज वो सब काम कर गया.
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर हैं शेफाली के प्रेरणास्रोत
शेफाली वर्मा के प्रेरणास्रोत क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर हैं. शेफाली ने कहा कि भारत और साउथ अफ्रीका मैच के दौरान सचिन सर बालकनी में थे, उन्हें देखकर अलग ही जोश आया. मैं उनसे बात करती रहती हूं. वो हमेशा मुझे आत्मविश्वास देते हैं.फाइनल में उन्हें देखकर लगा कि मेरी मेहनत रंग लाई है. शेफाली वर्मा ने स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर का भी शुक्रिया अदा किया. शेफाली ने बताया कि स्मृति दीदी लगातार मुझसे बात कर रही थीं, हरमन दीदी हमेशा सपोर्ट करती रहीं. सीनियर्स ने कहा कि अपना गेम खेलो, डरना नहीं. जब इतना भरोसा मिलता है तो आप बस मैदान में मुस्कुराते हुए खेलते हैं.
फिर भी नहीं मानी हार
आपको मालूम हो कि शेफाली वर्मा ने जुलाई 2022 में अपना पिछला वनडे अर्धशतक बनाया था. उसके बाद से शेफाली 13 पारियों में एक बार भी 50 रन नहीं बना पाई थीं. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में जोरदार प्रदर्शन किया. 2024-25 सीजन में 75.28 की औसत और 152 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए. WPL 2025 में चौथी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी रहीं. महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में तो शेफाली ने गदर ही मचा दिया.
ऐसा रहा है शेफाली वर्मा का रिकॉर्ड
शेफाली वर्मा ने भारत के लिए 5 टेस्ट, 31 वनडे और 90 टी.20 मुकाबलों में प्रतिनिधित्व किया है. टेस्ट में शेफाली वर्मा ने 567 रन, वनडे में 741 रन और टी-20 में 2221 रन बनाए हैं. महज 15 साल की उम्र में शेफाली भारत की सबसे कम उम्र की T20I डेब्यू करने वाली खिलाड़ी बन गईं. बल्लेबाजी में उनका विस्फोटक अंदाज देख उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग से होने लगी. जून 2021 आते-आते वह महिला क्रिकेट के तीनों फार्मेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई थीं.
शेफाली को बचपन से क्रिकेट खेलने का है शौक
शेफाली वर्मा हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं. शेफाली को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक है. शेफाली के पिता संजीव वर्मा भी क्रिकेट के बड़े फैन थे और उनके सभी भाई-बहन भी क्रिकेट खेलते थे. खेल में शेफाली की रुचि देख उनके पिता ने एक बड़ा कदम उठाया. लोकल क्रिकेट अकेडमी ने लड़की को दाखिला देने से मना कर दिया था. ऐसे में उनके पिता ने शेफाली बाल छोटे काट दिए और उन्हें लड़के के रूप में पेश किया. शेफाली को शुरुआत में लड़के के रूप में ट्रेनिंग लेनी पड़ी थी क्योंकि उनके शहर में लड़कियों के लिए क्रिकेट अकादमी ही नहीं थी. दो-ढाई साल तक शेफाली ने बल्ले का अभ्यास लड़कों की गेंदबाजी पर ही किया है. अंडर-19, अंडर-23 व रणजी खिलाड़ियों की गेंदों पर उन्होंने खूब अभ्यास किया. शुरुआती कोचिंग के बाद शेफाली के पिता ने उन्हें अकादमी ट्रेनिंग के लिए भेजा, जहां उन्होंने लड़कों के साथ बल्ला पकड़ना सीखा. हालांकि, बाद में शेफाली के स्कूल ने लड़कियों के लिए क्रिकेट टीम बनाने का फैसला किया.
पिता को नहीं बताई थी यह बात
वनडे वर्ल्ड कप 2025 के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम का चयन होने से कुछ ही महीने पहले शेफाली काफी खराब दौर से गुजर रही थी. उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे तो उधर पिता की तबीयत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही थी. शेफाली के खराब प्रदर्शन के चलते ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था. शेफाली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम से बाहर होने की बात शुरुआत में अपने पिता से नहीं बताई थीं क्योंकि उनके पिता को कुछ दिन पहले ही हार्ट अटैक आया था. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शेफाली ने कहा था कि मैं अपने पिता को बताना नहीं चाहती थी क्योंकि मुझे टीम से ड्रॉप किए जाने से ठीक दो दिन पहले मेरे पिता को हार्ट अटैक आया था. वह अस्पताल में थे और मैंने उन्हें एक हफ्ते बाद ही बताया. (Photo: PTI)