कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के नागपुर का एक दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक ट्रक ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिससे एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई. मृतका की पहचान ग्यारसी यादव के रूप में हुई, जबकि उनके पति अमित यादव इस हादसे के गवाह बने. सबसे दिल दहला देने वाला नजारा तब सामने आया, जब अमित यादव अपनी पत्नी का शव मोटरसाइकिल के पीछे बांधकर घर ले गए. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था.
अब इस मामले में नागपुर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने आरोपी ट्रक ड्राइवर सत्यपाल खरीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक की मदद से गिरफ्तार कर लिया है. खास बात यह है कि आरोपी को पकड़े जाने के समय वह नागपुर से करीब 700 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश में ट्रक चला रहा था.
AI से मिली बड़ी मदद
हादसे के बाद नागपुर पुलिस के पास आरोपी की पहचान के लिए कोई ठोस सुराग नहीं था. केवल इतना पता चला कि ट्रक पर लाल रंग की पट्टियां बनी हुई थीं. ऐसे में पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार की मार्वल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी का सहयोग लिया.
मार्वल AI की मदद से पुलिस ने घटना स्थल और आसपास के टोल नाकों के CCTV फुटेज को खंगाला. इन फुटेज को AI सिस्टम में फीड किया गया. कुछ ही मिनटों में सिस्टम ने एक ट्रक की पहचान कर ली, जो हादसे के समय की जानकारी से मेल खा रहा था. आगे की ट्रैकिंग से पता चला कि वही ट्रक उत्तर प्रदेश में चल रहा है.
700 किलोमीटर दूर से दबोचा आरोपी
सूचना मिलते ही नागपुर पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम उत्तर प्रदेश भेजी. टीम ने वहां से ट्रक और उसके ड्राइवर सत्यपाल खरीक को पकड़ लिया. यह देश का पहला मामला माना जा रहा है, जहां AI तकनीक की मदद से इतनी दूर चल रहे वाहन और आरोपी की सफलतापूर्वक पहचान और गिरफ्तारी की गई हो.
पुलिस के लिए भविष्य की तकनीक
नागपुर ग्रामीण के एसपी हर्ष पोद्दार ने बताया कि इस तकनीक ने पुलिसिंग के नए आयाम खोले हैं. उन्होंने कहा, “यह मामला साबित करता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय में अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस के लिए बड़ा हथियार साबित होगा. महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाई गई मार्वल कंपनी पुलिस को अपराध की जांच और अपराधियों की पहचान में भविष्य में और भी बड़ी मदद करेगी.”
इस पूरे मामले ने साफ कर दिया है कि अगर तकनीक का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए, तो अपराधियों के लिए बच निकलना नामुमकिन हो जाएगा. नागपुर पुलिस की यह पहल अब देशभर की पुलिस एजेंसियों के लिए एक रोल मॉडल बन सकती है.
(योगेश वसंत पांडे की रिपोर्ट)