Tiny Mosquito Drone: चीन में वैज्ञानिकों का कमाल! बनाया मच्छर के आकार का माइक्रो ड्रोन, सेना के लिए होगा फायदेमंद

यह माइक्रो ड्रोन चीन के हुनान प्रांत में स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) की एक रोबोटिक्स लैब ने तैयार किया है.

Tiny Mosquito Drone (AI Generated Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

चीन में वैज्ञानिकों ने मच्छर के आकार का एक बेहद छोटा ड्रोन विकसित किया है, जो सेना के मिशन में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. यह माइक्रो ड्रोन चीन के हुनान प्रांत में स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) की एक रोबोटिक्स लैब ने तैयार किया है. 

क्या है माइक्रो ड्रोन?
माइक्रो ड्रोन बहुत छोटे और हल्के ड्रोन होते हैं जिन्हें न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में, बल्कि दूसरे कई क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इनकी खास क्षमताओं के चलते ये अलग-अलग इंडस्ट्रीज और कार्यक्षेत्रों में क्रांति ला सकते हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ड्रोन का प्रोटोटाइप चीन के सैन्य टेलीविजन चैनल CCTV-7 पर दिखाया गया. एनयूडीटी के एक छात्र लियांग हेशियांग ने टीवी पर ड्रोन को दिखाते हुए कहा, "मेरे हाथ में जो रोबोट है, वह मच्छर जैसा दिखने वाला है. इस तरह के सूक्ष्म बायोनिक रोबोट विशेष रूप से जासूसी और युद्ध के मैदान पर विशेष मिशनों के लिए उपयुक्त हैं."

इस छोटे ड्रोन में दो छोटे पंख हैं जो पत्तों जैसे दिखते हैं, और इसके तीन बेहद पतले पैर हैं. इसे स्मार्टफोन की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है. इसकी लंबाई लगभग 1.3 सेंटीमीटर है, जो एक सामान्य मच्छर के बराबर होती है. 

माइक्रो ड्रोन का इस्तेमाल

सैन्य अभियानों में गुप्त निगरानी: इन सूक्ष्म ड्रोन का इस्तेमाल दुश्मन क्षेत्रों में चुपचाप निगरानी या जासूसी करने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि इनका पता लगाना मुश्किल होता है.

आपदा प्रबंधन में मददगार: ये मलबे या टूटे-फूटे इलाकों में जाकर बचाव कार्यों के लिए जीवित लोगों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं.

पर्यावरण की निगरानी: इन्हें हवा की गुणवत्ता, जल की गुणवत्ता या अन्य पर्यावरणीय स्थितियों को मापने वाले सेंसर से लैस किया जा सकता है.

चुनौतियां भी हैं मौजूद 

इन ड्रोन में कई संभावनाएं हैं, लेकिन कुछ सीमाएं भी हैं:

  • इनकी पेलोड क्षमता बहुत कम होती है, जिससे ये बहुत भारी सेंसर या उपकरण नहीं ले जा सकते.
  • इनकी बैटरी क्षमता सीमित होती है, जिससे उड़ान का समय कम होता है.

लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि बैटरी तकनीक, सेंसर टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में लगातार हो रहे सुधार भविष्य में इन माइक्रो ड्रोन की क्षमताओं को और बढ़ाएंगे. 

 

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