World's First Pregnancy Humanoid Robot: अब रोबोट करेंगे बच्चा पैदा! चीन के वैज्ञानिक तैयार कर रहे तकनीक, अगले साल लॉन्च होगा प्रोटोटाइप

चीन में ह्यूमनॉइड रोबोट पर काम किया जा रहा है, जिसमें 10 महीने तक गर्भधारण (pregnancy) हो सकेगा.

China scientists working on World's First Pregnancy Humanoid Robot
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 18 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST

चीन के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसमें रोबोट इंसान की तरह प्रेग्नेंट हो सकेगा. जी हां, अब इंसान नहीं रोबोट बच्चे पैदा कर सकेगा. चीन में ह्यूमनॉइड रोबोट पर काम किया जा रहा है, जिसमें 10 महीने तक गर्भधारण (pregnancy) हो सकेगा. इसमें भ्रूण (fetus) एक कृत्रिम गर्भाशय (artificial womb) में विकसित होगा और उसे ट्यूब के ज़रिए पोषण दिया जाएगा.

कौन कर रहा है यह रिसर्च?
यह प्रोजेक्ट ग्वांगझू की Kaiwa Technology कर रही है, जिसे डॉ. झांग चिफेंग लीड कर रहे हैं. वे सिंगापुर की Nanyang Technological University से पीएचडी कर चुके हैं. 

कब आएगा पहला मॉडल?

  • वैज्ञानिकों का कहना है कि तकनीक अब "मैच्योर स्टेज" में पहुंच चुकी है.
  • अब इसे रोबोट के शरीर में लगाया जाएगा, ताकि यह इंसानों के साथ सुरक्षित रूप से इंटरैक्ट कर सके.
  • इसका पहला प्रोटोटाइप 2026 में आने की उम्मीद है.
  • कीमत होगी लगभग 1 लाख युआन (करीब 14,000 अमेरिकी डॉलर)

फायदे क्या बताए जा रहे हैं?

  • यह तकनीक उन लोगों के लिए मददगार हो सकती है जो गर्भधारण नहीं कर पाते.
  • यह इंसानों को गर्भ से जुड़ी शारीरिक परेशानियों और खतरों से मुक्त कर सकती है.

आलोचना और विवाद
सोशल मीडिया और मीडिया में इस खबर ने बहस छेड़ दी है. आलोचकों का कहना है कि असली गर्भ में हार्मोन्स का आदान-प्रदान, इम्यून सिस्टम की भूमिका और मां-बच्चे का भावनात्मक जुड़ाव – मशीन पूरी तरह कॉपी नहीं कर सकती है. इससे मातृत्व और बच्चे की पहचान जैसे मुद्दों पर गहरे नैतिक सवाल उठेंगे.

सरकार और कानून की तैयारी
कंपनी वर्तमान में ग्वांगडोंग प्रांत की सरकार के साथ मिलकर इस तकनीक से जुड़े कानूनी और नैतिक नियम बनाने पर काम कर रही है. इस टेक्निक के समर्थकों का कहना है कि यह तकनीक नई रिप्रोडक्टिव फ्रीडम दे सकती है. लेकिन आलोचक मानते हैं कि यह पारंपरिक मातृत्व और परिवार की अवधारणा को बदल सकती है. यह प्रोजेक्ट विज्ञान की दुनिया में क्रांति ला सकता है, लेकिन साथ ही कई नैतिक और सामाजिक सवाल भी खड़े कर रहा है.

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