DRDO ने एक मानव रहित बोट का सफल परीक्षण किया है. इस मानव रहित बोट को देश की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है. DRDO इस साल डिफेंस एक्सपो में मानव रहित बोट को शामिल करने वाली है. फिलहाल इस नाव का परीक्षण पुणे के भामा-आसखेड बांध में किया जा रहा है. पुणे में दूर से नियंत्रित होने वाली मानव रहित और हथियारबंद 3 नावों का सफल परीक्षण किया गया. मानवरहित नाव का मतलब है कि इस नाव पर कोई इंसान नहीं होगा. इसे नियंत्रित करने के लिए वीडियो फीड को ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन पर तैनात किया जाएगा.
दुश्मन पर रहेगी पैनी नजर
इन नावों का उपयोग समुद्री सीमा की निगरानी के लिए किया जाएगा. मानवरहित बोट दुश्मन की हर चाल पर नजर रखेगी. इसकी खास बात है कि ये सीमा पर एक बार में 24 घंटा लगातार पानी में रहकर पेट्रोलिंग कर सकती है. मानवरहित बोट इलेक्ट्रिक इंजन से चलती है. इस नाव में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी मदद से नाव अगर दुश्मन के कब्जे में आ जाती है, तो नाव में मौजूद कंट्रोल बोर्ड खुद ही डिस्ट्रॉय हो जाएंगे. जिससे कोई गोपनीय सूचना. जरूरी डेटा दुश्मन के हाथ नहीं लगेगा.
24 घंटे कर सकता है पानी में पेट्रोलिंग
डीआरडीओ के ग्रुप निदेशक ने कहा कि, "नाव के परीक्षण के दौरान इसमें कोई भी सवार नहीं था. नाव का इस्तेमाल दुश्मनों की निगरानी और उन पर हमला करने के लिए किया जा सकेगा. साथ ही ये बोट लगातार 24 घंटे तक पानी में रहकर पेट्रोलिंग कर सकती है."
सेना को मिलेगी राहत
समुद्री की सीमा में इस खास नाव से दुश्मनों की निगरानी करना अब और आसान हो जाएगा. साथ ही सेना को भी इससे खास राहत मिलेगी. हालांकि इस बात की अभी तक कोई सूचना नहीं है कि इस नाव को नेवी में कब शामिल किया जाएगा. समुद्री सीमा में दुश्मन पर वार करने में भी ये नाव उपयोगी साबित होगी.