WhatsApp: 2026 से वॉट्सऐप पर नहीं मौजूद होंगे ये एआई, आखिर क्यों चैटजीपीटी को दिखाया बाहर का रास्ता

वॉट्सऐप ने कह दिया है कि इंसानों से चैट और मशीनों से चैट करने के बीच फर्क होता है. इसी वजह से अब प्लेटफॉर्म पर जनरल-पर्पस AI चैटबॉट्स पर रोक लगा दी गई है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

अब तक ChatGPT, Perplexity AI और कई दूसरे चैटबॉट्स सीधे WhatsApp पर इस्तेमाल किए जा सकते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. वॉट्सऐप ने साफ कर दिया है कि इंसानों से चैट और मशीनों से चैट करने के बीच स्पष्ट फर्क होना चाहिए. इसी वजह से अब प्लेटफॉर्म पर जनरल-पर्पस AI चैटबॉट्स पर रोक लगा दी गई है.

कब से लागू होगा नियम?
Meta ने अपनी Business API पॉलिसी में बदलाव किया है. 15 जनवरी 2026 से सभी जनरल-पर्पस AI चैटबॉट्स को वॉट्सऐप से हटना होगा. इसका मतलब है कि ChatGPT, Perplexity AI, Luzia और Poke जैसे चैटबॉट्स को अलविदा कहना पड़ेगा.

किन बॉट्स पर नहीं लगेगी रोक?
Meta ने साफ किया है कि यह बैन सिर्फ उन चैटबॉट्स पर लागू होगा जो AI असिस्टेंट की तरह काम करते हैं. कस्टमर सपोर्ट बॉट्स या लिमिटेड AI इस्तेमाल करने वाले बिज़नेस चैटबॉट्स इस बैन से प्रभावित नहीं होंगे. उदहारण के लिए एयरलाइन का चैटबॉट जो फ्लाइट स्टेटस बताता है या होटल असिस्टेंट जो बुकिंग बदलने में मदद करता है. ये सामान्य रूप से चलते रहेंगे.

क्यों लगाया गया बैन?
वॉट्सऐप बिज़नेस API को कभी भी बड़े पैमाने पर AI चैटबॉट्स चलाने के लिए डिजाइन नहीं किया गया था. इसका मकसद हमेशा से कंपनियों और ग्राहकों के बीच बातचीत को आसान बनाना था. पिछले एक साल में Meta ने देखा कि डेवलपर्स इस API का इस्तेमाल कर लाखों मैसेज संभालने वाले AI चैट असिस्टेंट बना रहे हैं. 

इन बॉट्स के जरिए वॉयस नोट्स, इमेज अपलोड और लाखों चैट्स ने वॉट्सऐप के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी दबाव डाला. Meta का कहना है कि इन AI टूल्स को एक अलग तरह का सपोर्ट सिस्टम चाहिए, जो WhatsApp के मौजूदा मॉडल में संभव नहीं है.

पैसों का भी है खेल..
वॉट्सऐप बिज़नेस API, Meta के लिए एक बड़ी कमाई का जरिया है. कंपनियों से हर मैसेज के लिए शुल्क लिया जाता है फिर चाहे वह मार्केटिंग, कस्टमर सर्विस या ऑथेंटिकेशन के लिए हो. लेकिन AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT और Perplexity के लिए कोई प्राइसिंग मॉडल तय नहीं था. नतीजतन, ये कंपनियां करोड़ों मैसेज हैंडल कर रही थीं, लेकिन Meta को उससे ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था. इसलिए Meta ने फैसला लिया कि वॉट्सऐप को केवल उसी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके लिए वह बनाया गया था, यानी बिज़नेस कम्युनिकेशन, न कि AI का खेल का मैदान.

कौन सा AI रहेगा वॉट्सऐप पर?
दिलचस्प बात यह है कि इस फैसले के बाद वॉट्सऐप पर सिर्फ Meta का अपना AI चैटबॉट (Meta AI) ही उपलब्ध रहेगा. बाकी सभी थर्ड-पार्टी चैटबॉट्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.

2026 की शुरुआत से यूज़र्स वॉट्सऐप पर ChatGPT जैसे बॉट्स से क्विक आंसर, इमेज जनरेशन या डॉक्युमेंट एनालिसिस नहीं कर पाएंगे. वॉट्सऐप फिर से वही बनेगा, जैसा Meta चाहता है. एक बिज़नेस और कस्टमर कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म, न कि AI चैटिंग हब.

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