इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इंजीनियरों के लिए एक नया पाठ्यक्रम लेकर आ रहा है. इसके लिए मंत्रालय ने 1 जनवरी से सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट्स, डिस्प्ले फैब्रिकेशन यूनिट्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, सिलिकॉन फोटोनिक्स के साथ-साथ डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू कर देगा. आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि सरकार ने 60 संस्थानों की एक सूची भी चुनी है, जहां से 85,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना है और जल्द ही उस पाठ्यक्रम के विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसकी मदद से इन इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
महीने की शुरुआत में 76,000 करोड़ रुपये की योजना को मिली थी मंजूरी
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के लिए 76,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना से सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिजाइन में कंपनियों को विश्व स्तर पर बढ़िया प्रोत्साहन पैकेज मिलने की उम्मीद है. यह कदम इस वक्त और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब सेमीकंडक्टर उत्पादों की वैश्विक कमी है और इंटेल, टीएसएमसी, टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स आदि सहित बड़े चिप निर्माता क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. भारत की ओर से, टाटा समूह ने सेमीकंडक्टर निर्माण में प्रवेश करने की योजना व्यक्त की है.
भारतीय उत्पादों को सरकारी खरीद में मिलेगी प्राथमिकता
नई योजना के तहत, सरकार ने सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, सिलिकॉन फोटोनिक्स, सेंसर फैब, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और सेमीकंडक्टर डिजाइन में लगी कंपनियों के लिए प्रोत्साहन सहायता की व्यवस्था की है. योजना के एक भाग के रूप में, सिलिकॉन पूरक धातु ऑक्साइड सेमीकंडक्टर की स्थापना के लिए, निर्माण इकाई जो 28 नैनोमीटर (एनएम) या उससे कम के टेक्नोलॉजी नोड का निर्माण करती है, को प्रोत्साहन के रूप में परियोजना लागत का 50 प्रतिशत तक मिलेगा, जबकि 28 एनएम से लेकर 45 एनएम तक, सरकार इकाई लागत का 40 प्रतिशत प्रदान करेगी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजकोषीय सहायता के अलावा, सरकार भारत में स्थापित सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन इकाइयों के उत्पादों को सरकारी खरीद में भी प्राथमिकता देगी.