AMED API: भारतीय खेती के लिए गेम चेंजर होगा Google का यह ओपन सोर्स AI, बुवाई-कटाई की करेगा स्टडी

गूगल अब भारत के कृषि क्षेत्र के लिए तकनीकें लेकर आ रहा है. गूगल ने भारतीय कृषिक्षेत्र के लिए AMED API (Agri Monitoring and Event Detection API) लॉन्च किया है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 11 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

गूगल के लिए भारत इसके सबसे बड़े मार्केट्स में से एक है. इसे ध्यान में रखते हुए, गूगल भारत के हिसाब से प्रोडक्ट्स लॉन्च कर रहा है. गूगल अब देश के उन सेक्टर्स को टारगेट कर रहा है जहां तकनीक की खास जरूरत है जैसे कृषि. जी हां, गूगल अब भारत के कृषि क्षेत्र के लिए तकनीकें लेकर आ रहा है. गूगल ने भारतीय कृषिक्षेत्र के लिए AMED API (Agri Monitoring and Event Detection API) लॉन्च किया है. 

बताया जा रहा है कि यह भारतीय कृषि के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है. यह एक ओपन-सोर्स AI-आधारित प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे किसानों, रिसर्चर्स और पॉलिसी मेकर्स को सटीक, समय पर और खेत-स्तरीय जानकारी देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. 

AMED API क्या है?

AMED API को Google Research India ने विकसित किया है. यह एक AI-powered API है जो सैटेलाइट डेटा और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके खेती से संबंधित जरूरी घटनाओं और जानकारी का अनुमान लगाता है जैसे,

  • कौन सी फसल कहां उगाएं
  • बीजाई और कटाई की तारीख
  • खेत में किस दिन बिजाई हुई और किस दिन कटाई हुई
  • कुल खेती का क्षेत्रफल और उसकी पहचान
  • फसल चक्र का विश्लेषण
  • पिछले तीन साल में खेत पर क्या उगा क्या नहीं 
  • बारिश, सूखा या बाढ़ जैसी स्थितियों का पहले से अनुमान
  • किसानों को जलवायु संकटों के लिए पहले से तैयार करने में मदद करता है

अगर कोई किसान इसका इस्तेमाल करता है तो यह एपीआई किसान को बता सकता है कि बारिश सामान्य से कम होगी या ज्यादा, इसके आधार पर किसान सिंचाई कम-ज्यादा कर सकते हैं. दूसरा, यह उन्हें बता सकता है कि कौन-सी दिन बिजाई के लिए ठीक रहेगा. साथ ही, कटाई के लिए भी यह दिन बता देगा ताकि किसान का उत्पादन ठीक रहे. 

AMED API यह सारी जानकारी के लिए सैटेलाइट इमेजरी (जैसे Sentinel-2, Landsat), रिमोट सेंसिंग तकनीक और AI मॉडल्स (खासकर टाइम-सीरीज़ डीप लर्निंग मॉडल) के जरिए डेटा इकट्ठा करके देता है. 

कौन कर सकता है AMED API का इस्तेमाल?

यह API ओपन-सोर्स है और इसका इस्तेमाल किसान, स्टार्टअप्स, सरकारी एजेंसी और रिसर्चर्स आदि कर सकते हैं. किसान मोबाइल ऐप्स या सरकारी पोर्टलों के माध्यम से खेत की जानकारी ले सकते हैं. खेती से जुड़े स्टार्टअप्स अपने डिजिटल एग्री प्लेटफ़ॉर्म में इस डेटा को इंटीग्रेट कर सकते हैं. वहीं, सरकारें कृषि योजनाओं और बीमा के बेहतर टार्गेटिंग के लिए इस्तेमाल में ले सकती हैं. इसकी मदद से रिसर्चर्स बड़े स्केल पर खेती से जुड़ी स्टडीज कर सकते हैं. 

 

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