Expert Talk: गूगल Gemini का Nano Banana ट्रेंड! आखिर क्या है ये वायरल AI साड़ी ट्रेंड और कितना सेफ है?

इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूजर्स की फीड इन दिनों एक जैसे विजुअल्स से भर गई है, लाल साड़ी पहनी महिलाएं, खुले लंबे बालों में गजरे के फूल, और पुराने ज़माने की फिल्मों जैसा विंटेज लुक.

Nano Banana ट्रेंड
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 17 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST
  • गूगल Gemini का Nano Banana ट्रेंड वायरल
  • सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं विंटेज साड़ी वाली तस्वीरें

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नया AI ट्रेंड Nano Banana वायरल हो रहा है. इंस्टाग्राम, फेसबुक और X जैसे प्लेटफॉर्म पर इन दिनों एक जैसे विजुअल्स नजर आ रहे हैं. चटक लाल साड़ियों में महिलाएं, लंबे खुले बालों में गजरे के फूल, और सिनेमैटिक लाइट. पहली नजर में असली लगने वाली ये तस्वीरें दरअसल AI-जनरेटेड हैं.

चलिए जानते हैं आखिर ये ट्रेंड है क्या? कैसे काम करता है? और क्या इससे फोटो बनाना सेफ माना जाता है.

क्या है Nano Banana ट्रेंड?
Nano Banana नाम असल में गूगल के Gemini Nano टूल से जुड़ा है. यह टूल फोटो को एक तरह के 3D फिगरीन-स्टाइल पोर्ट्रेट में बदल देता है. चेहरे की स्किन को स्मूद करता है और पूरी तस्वीर को असली रूप देता है.

शुरुआत में इसे अलग-अलग तरह की एडिटिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन जैसे ही कुछ यूजर्स ने अपनी तस्वीरों को रेड साड़ी और विंटेज स्टाइल में बदला, यह सोशल मीडिया पर क्रेज बन गया. अब लाखों महिलाएं अपनी तस्वीरों को 70-80 के दशक की फिल्मों जैसा लुक देने लगी हैं. 

कितनी तेजी से बढ़ा ट्रेंड?

  • 15 सितंबर तक Gemini ऐप पर ही 500 मिलियन से ज्यादा इमेजेस बनाई या एडिट की जा चुकी हैं.

  • 26 अगस्त से 9 सितंबर के बीच ऐप को 2.3 करोड़ नए यूजर्स मिले.

  • गूगल Gemini ऐप फिलहाल भारत में App Store और Play Store दोनों पर नंबर-1 पर ट्रेंड कर रहा है.

कैसे बनती है Nano Banana फोटो?

  • सबसे पहले Gemini ऐप खोलकर गूगल अकाउंट से साइन-इन करें.

  • ऐप में Banana आइकन पर क्लिक करें और Try Image Editing ऑप्शन चुनें.

  • एक साफ-सुथरी सोलो फोटो अपलोड करें, जिसमें चेहरा साफ दिखे.

  • Generate दबाते ही कुछ सेकंड में AI आपकी तस्वीर को रेट्रो साड़ी पोर्ट्रेट में बदल देगा.

इस पूरे मामले के बारे में Lex Cyber Attorneys firm के साइबर एक्सपर्ट, अंकित देव अर्पण ने बताया, इसे गूगल का आधिकारिक टूल समझकर इस्तेमाल करना पूरी तरह से गलत है. इस पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है.

इस तरह के टूल्स यूजर की तस्वीरों और बॉडी-स्ट्रक्चर को स्टोर कर लेते हैं. भविष्य में इन्हीं डाटा का इस्तेमाल डीपफेक, इमेज मॉर्फिंग और फेक प्रेजेंटेशन के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर पहले भी डीपफेक के कई मामले सामने आ चुके हैं और ऐसे टूल्स इसे और आसान बना देंगे. सिर्फ तस्वीर ही नहीं, बल्कि उनके साथ फाइल का मेटाडेटा (लोकेशन, कैमरा, तारीख और डिवाइस की जानकारी) भी अपलोड हो जाता है. यह सीधे-सीधे गोपनीयता पर हमला है. कई बार सतर्क रहने के बावजूद लोग अनजाने में अपनी प्राइवेसी खुद तोड़ बैठते हैं.

Nano Banana ट्रेंड के नाम पर कई नकली वेबसाइट्स सर्च इंजन पर ऊपर आ जाती हैं. ये साइट्स फोटो डाउनलोड करने के लिए यूजर्स से सोशल मीडिया लॉगिन या एक्सेस शेयर करने को कहती हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि यह सीधे पासवर्ड और सिक्योरिटी क्रेडेंशियल्स की चोरी का मामला है.

साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि AI से बनी तस्वीरों का इस्तेमाल कर फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाए जा सकते हैं. ऐसी फर्जी IDs पहली नजर में असली लगेंगी, जिससे यूजर्स के फ्रेंड्स और फैमिली भी धोखा खा सकते हैं. इसके अलावा, यह आइडेंटिटी थेफ्ट को भी बढ़ावा देता है.

आजकल कई ऑफिस और सिक्योरिटी सिस्टम फेस रिकग्निशन और बायोमैट्रिक लॉगिन पर आधारित हैं. अपनी तस्वीरें ऐसे प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने से फेशियल बायोमैट्रिक सिक्योरिटी कमजोर हो सकती है और यह भविष्य में गंभीर खतरा साबित हो सकता है.

क्या यह सेफ है?
गूगल का दावा है कि Gemini Nano से बनाई गई हर तस्वीर पर एक इनविजिबल वॉटरमार्क SynthID और मेटाडेटा टैग लगाया जाता है, ताकि बाद में यह पहचाना जा सके कि यह AI-जनरेटेड है. SynthID एक डिजिटल वॉटरमार्क है जिसे नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता, लेकिन खास टूल से स्कैन करने पर तस्वीर का AI ओरिजिन पता चल सकता है. सभी यूजर्स के पास ये स्कैनिंग टूल्स नहीं होते और कई बार वॉटरमार्क कॉपी या हटाए भी जा सकते हैं. इसलिए यह पूरी तरह सेफ नहीं माना जा सकता.

Nano Banana ट्रेंड में शामिल होना चाहते हैं? ध्यान रखें ये बातें

  • किसी भी अनजान वेबसाइट या ऐप पर निजी तस्वीरें अपलोड करने से बचें.

  • अपलोड करने से पहले मेटाडेटा हटाना और प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करना जरूरी है.

  • सोशल मीडिया लॉगिन या पासवर्ड शेयर करने की गलती न करें.

  • संवेदनशील या बायोमैट्रिक-लिंक्ड तस्वीरें सार्वजनिक न करें.

  • पर्सनल फोटो सोच-समझकर अपलोड करें. प्राइवेट या संवेदनशील तस्वीरें बिल्कुल शेयर न करें.

  • प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें. सोशल मीडिया और AI ऐप-दोनों पर.

  • ओरिजिनल फोटो और प्रॉम्प्ट सेव करें. ताकि भविष्य में कंटेंट से छेड़छाड़ का पता चल सके.

  • टर्म्स एंड कंडीशन्स पढ़ें. कई बार प्लेटफॉर्म्स आपके फोटो को अपने AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार रखते हैं.

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