साइबर की दुनिया में केवल एक चूक ही आपको लाखों करोड़ों की चपत लगा सकती है. बेशक आपसे यह चूक जाने-अनजाने में हुई हो, लेकिन कोर्ट की नज़र में यह बात मायने नहीं रखती है. कई बार तो लोग जान कर ऐसी हरकत कर जाते हैं, जिसके नतीजे का उनको अंदाजा तक नहीं होता है.
दरअसल हाल ही में गूगल के उपर करीब 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना जड़ा गया है. यह जुर्माना कैलिफॉर्निया के एक कोर्ट ने जड़ा है. लेकिन टेक की दुनिया के बेताज बादशाह के उपर लगे इस जुर्माने की कहानी क्या है, चलिए वो आपको बताते हैं.
140 लाख यूजर के डाटा की चोरी
गूगल के उपर 2019 में एक केस किया गया था. यह केस करीब 14 लाख एंड्रॉयड फोन यूजर के डाटा को लेकर था. दरअसल गूगल के उपर आरोप लगे थे कि उसने 140 लाख एंड्रॉयड फोन यूजर का डाटा चोरी किया है. गूगल ने यह डाटा चोरी केवल फोन के इस्तेमाल के दौरान नहीं, बल्कि तब भी की जब फोन इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था.
क्या कहना है कोर्ट का
कोर्ट ने गूगल की इस हरकत को देखते हुए कहा कि यह यूजर की प्राइवेसी और पर्सनल डाटा की चोरी का मामला है. साथ ही यह पर्सनल डाटा से जुड़े कानूनों को तोड़ता है. कोर्ट के इस आदेश से कई प्लेटफॉर्म पर गूगल की निंदा की जाने लगी. इस मामले का सबसे बड़ा पहलू है कि गूगल ने यूजर के डाटा को उस दौरान अपने लिए इस्तेमाल किया जब वह फोन इस्तेमाल में नहीं था. यानी यह प्रकार से बिना इजाज़त के किया गया.
क्या रहा कोर्ट का आदेश
कैलिफोर्निया के कोर्ट ने गूगल की इस हरकत को देखते हुए उसके उपर करीब 2700 करोड़ का जुर्माना लगाया है. लेकिन परेशानी केवल यहीं खत्म नहीं होती. दरअसल गूगल के उपर इस प्रकार के कई मामले चलेंगे. जानकारी के अनुसार करीब 49 अमेरिकी राज्यों में भी गूगल के उपर अप्रैल 2026 में केस ट्रायल पर होंगे. अगर यहां भी गूगल को हार का सामना करना पड़ता है, तो उसे 2700 करोड़ से भी काफी ज्यादा बड़ी पेनलटी देनी पड़ेगी.
क्या कहना है गूगल का
गूगल भी इस मामले पर चुप नहीं है. उसने न्यूज़ एजंसी रॉयटर्स को बताया की एंड्रॉयड यूजर्स के लिए सॉफ्टवेयर की सुरक्षा, परफॉर्मेंस एक अहम मुद्दा है. कंपनी का मानना है कि यह डाटा यूजर की मर्जी से लिया गया था. साथ ही यह प्राइवेसी पॉलिसी का हिस्सा होता है. इसके अलावा इस दौरान किसी यूजर को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा.
गूगल का कहना है कि जिस डाटा का उसने इस्तेमाल किया, वह बैकग्राउंड डाटा था. बैकग्राउंड डाटा की मदद से वह यूजर के एंड्रॉयड फोन की परफॉर्मेंस को बेहतर करता है. साथ ही यह बात यूजर एग्रीमेंट के अंदर लिखी होती है.