भारत सरकार ने मोबाइल सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए चेतावनी जारी की है. अब यदि किसी सिम का साइबर फ्रॉड या किसी भी अवैध गतिविधि में इस्तेमाल होता है, तो उसके असली मालिक को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. दूरसंचार विभाग ने सोमवार को स्पष्ट किया कि फर्जी दस्तावेजों पर सिम लेना, दूसरों को सिम सौंपना, या IMEI में छेड़छाड़ वाले फोन का उपयोग करना गंभीर अपराध है.
किन मामलों में होगी कार्रवाई?
सरकार के अनुसार, इन काम करने पर कड़ी सजा तय है. जैसे बदले हुए या छेड़छाड़ वाले IMEI नंबर वाले फोन चलाना, फर्ज़ी पहचान के आधार पर सिम कार्ड खरीदना, अपनी सिम कार्ड किसी और को देना या अपराधियों के उपयोग में आने देना यदि ऐसी किसी सिम कार्ड से बाद में धोखाधड़ी या अपराध होता है. ऐसी हालत में तो असली मालिक भी कानूनी रूप से दोषी माना जाएगा.
कॉलिंग पहचान बदलने वाले ऐप्स से रहें दूर
दूरसंचार विभाग ने यूजर्स को चेताया है कि वे कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी छुपाने वाले ऐप्स या कॉलर की पहचान बदलने वाली वेबसाइट्स का उपयोग न करें. ऐसा करना सीधे टेलीकॉम कानूनों का उल्लंघन है. दूरसंचार अधिनियम 2023 के अनुसार IMEI में छेड़छाड़ पर 3 साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
अपने फोन का IMEI नंबर ऐसे करें वेरिफाय
IMEI की पुष्टि के लिए सरकार ने “संचार साथी” पोर्टल और ऐप का उपयोग करने की सलाह दी है.
यह प्लेटफ़ॉर्म यह सुनिश्चित करता है कि आपका मोबाइल डिवाइस सुरक्षित और वैध है. सरकार ने कहा है कि इन कड़े नियमों का मकसद साइबर अपराध को रोकना और मोबाइल यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाना है.