Marriage Registration Through Video KYC: घर बैठे कर सकते हैं शादी का रजिस्ट्रेशन... इस राज्य ने शुरू की डिजिटल सर्विस... जानिए

मलयाली लोग दुनिया के किसी भी कोने से सिर्फ़ ऑनलाइन प्रक्रिया के ज़रिए अपनी शादी रजिस्टर करा सकते हैं और कुछ ही मिनटों में डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

केरल ने डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. अब यहां शादी का रजिस्ट्रेशन करने के लिए दूल्हा-दुल्हन को दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. वे दुनिया के किसी भी कोने से सिर्फ़ ऑनलाइन प्रक्रिया के ज़रिए अपनी शादी रजिस्टर करा सकते हैं और कुछ ही मिनटों में डिजिटल मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं.

पुणे से बैठे-बैठे मिला मैरिज सर्टिफिकेट
डॉ. अनीश आर और डॉ. प्रकृति के की शादी कोच्चि (केरल) में हुई थी. लेकिन दोनों ने शादी का रजिस्ट्रेशन 1,200 किलोमीटर दूर पुणे से अपने घर बैठे ही कर लिया. वीडियो ई-केवाईसी (Electronic Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्होंने बिना किसी परेशानी के शादी का सर्टिफिकेट ऑनलाइन डाउनलोड कर लिया.

कैसे काम करता है यह सिस्टम?

  • यह सुविधा K-SMART प्लेटफॉर्म के जरिए उपलब्ध है.
  • दूल्हा-दुल्हन और गवाहों को सिर्फ वीडियो ई-केवाईसी करनी होती है.
  • पहचान सत्यापन आधार OTP या ईमेल ऑथेंटिकेशन से किया जाता है.
  • प्रक्रिया पूरी होने के बाद मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है.

बड़ी संख्या में लोग उठा रहे फायदा

  • आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2024 से 22 सितंबर 2025 तक 1,44,416 शादियों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
  • इनमें से 62,524 शादियों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हुआ.
  • सबसे ज़्यादा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन त्रिशूर (10,062) में हुए.
  • इसके बाद मलप्पुरम (8,345) और तिरुवनंतपुरम (7,394) का स्थान रहा.

एनआरके (प्रवासी मलयाली) के लिए वरदान
कई प्रवासी मलयालियों (NRKs) ने बताया कि यह सुविधा उनके लिए बहुत मददगार साबित हुई. माल्टा में काम कर रहे अश्विन ने बताया कि वे विदेश में रहते हुए ही कुछ मिनटों में सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सके. अमेरिका में काम करने वाले विजय की मां ने कहा कि बेटे की वीज़ा प्रक्रिया में इस डिजिटल सर्टिफिकेट ने बड़ी मदद की.

अब दफ्तरों का बोझ भी कम
गुरुवायूर नगर पालिका सचिव अभिलाष ने बताया कि पहले मंदिरों में शादी के बाद जोड़े सीधे दफ्तर पहुंचते थे, जिससे भीड़ और काम का दबाव बहुत बढ़ जाता था. लेकिन अब सिर्फ़ 10-25% लोग ही दफ्तर आते हैं.

अभी भी जागरूकता की ज़रूरत
IKM के CMD संतोश बाबू ने पीटीआई से कहा कि हालांकि प्रक्रिया आसान है, फिर भी कई लोग सोचते हैं कि उन्हें कम-से-कम एक बार दफ्तर या सेवा केंद्र जाना पड़ेगा. वास्तव में दूल्हा-दुल्हन और गवाह अलग-अलग जगहों और अलग टाइम ज़ोन में रहकर भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

संक्षेप में, केरल की यह पहल शादी का रजिस्ट्रेशन आसान, तेज़ और परेशानी-मुक्त बना रही है. यह न सिर्फ़ नागरिकों को राहत दे रही है बल्कि सरकारी दफ्तरों के बोझ को भी कम कर रही है.

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