आए दिन अखबार के एक पन्ने पर छोटे-छोटे कॉलम छपते हैं जिनमें लोगों ने किसी अपने की गुमशुदगी की रिपोर्ट की होती है. हम इन कॉलम्स को सालों से देख रहे हैं लेकिन यह नहीं पता कि उनमें से कितने लोग वापिस अपने घर पहुंचे. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर दिन 2,100 से ज्यादा लोग लापता होते हैं. विडंबना यह है कि उनमें से बहुत से लोग महीनों, सालों या फिर उम्रभर के लिए लापता ही रह जाते हैं.
हालांकि, पिछले कुछ सालों में पुलिस प्रशासन की कड़ी मेहनत और कुछ लोगों की निस्वार्थ सेवा की वजह से बहुत से लापता लोग अपने परिवारों के पास पहुंचे हैं. और अब तकनीक के इस्तेमाल ने लापता लोगों की तलाश को पहले से बहुत आसान और जल्दी कर दिया है. आज हम आपको बता रहे हैं एक खास प्लेटफॉर्म, Khoji.in के बारे में जो AI की मदद से गुमशुदा लोगों को अपनों से मिलवाने और अज्ञात लोगों की पहचान करने में बहुत मददगार साबित हो रहा है.
क्या है Khoji.in
Khoji.in उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित स्टार्टअप कंपनी, Khoji Infotech Private Limited का प्रोडक्ट है. यह भारत का पहला AI-संचालित, एक-क्लिक प्लेटफ़ॉर्म है जो लापता और अज्ञात व्यक्तियों की पहचान के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करता है. यह प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च होने के बाद कुछ ही महीनों में 95 से ज्यादा गुमशुदा लोगों को उनके परिवारों से फिर से मिलाने में सफल रहा है. इस स्टार्टअप की नींव रखी है 23 साल के ध्रुव गुप्ता ने.
नोएडा स्थित JSS से इंजीनियरिंग करने वाले ध्रुव को Khoji.in शुरू करने का आइडिया अपने एक निजी अनुभव से मिला. गुड न्यूज टुडे से बात करते हुए ध्रुव मे बताया कि उनके परिवार में एक करीबी सदस्य लापता हो गया. और यह समय पूरे परिवार के लिए बहुत मुश्किल था. उनका पूरा परिवार स्ट्रेस में था, कोई ढंग से सो नहीं पाया और उन्हें लगा कि वे बहुत बेबस हैं.
इसी दौरान ध्रुव को एक चौंकाने वाला आंकड़ा मिला कि भारत में हर दिन 2,100 से ज्यादा लोग लापता हो जाते हैं. उन्होंने महसूस किया कि यह सिर्फ डेटा की समस्या नहीं है बल्कि यह एक इमोशनल समस्या है, जिसे एक मजबूत तकनीकी समाधान की जरूरत है. ध्रुव के इस आइडिया को उनके पिता, दीपक गुप्ता ने न सिर्फ इमोशनली बल्कि फाइनेंशियली भी सपोर्ट किया. और यहां से शुरुआत हुई Khoji.in की.
आइडिया से बदलाव तक
ध्रुव के इस काम में उनके साथ उनके बचपन के दोस्त आदित्य राज और सुमित कुमार साहू जुड़ गए. आदित्य राज DU से ग्रेजुएट हैं और मार्केटिंग व ऑपरेशंस के एक्सपर्ट हैं. उन्होंने Khoji के प्रचार-प्रसार और विस्तार में अहम भूमिका निभाई है. सुमित कुमार साहू, B.Tech ग्रेजुएट हैं और वर्तमान में, IIT खड़गपुर से MBA कर रहे हैं. वह स्ट्रेटजिकल प्लानिंग और पार्टनरशिप में मुख्य भूमिका निभाते हैं.
Khoji.in पर काम साल 2023 के अंत में शुरू हुआ. उन्होंने सब कुछ जीरो से शुरू किया. जब ध्रुव और उनके दोस्तों ने पुलिस स्टेशनों, अधिकारियों और विभागों से संपर्क किया, तो प्रतिक्रिया ज्यादा अच्छी नहीं थी. कई लोगों ने कहा कि “यह बहुत बड़ा सपना है.” लेकिन टीम रुकी नहीं। उन्होंने AI एल्गोरिदम विकसित करने और उसे राज्यों, भाषाओं और एज ग्रुप्स (उम्र) के अनुरूप बनाने में दिन-रात एक कर दिया. फरवरी 2025 में Khoji.in का आधिकारिक लॉन्च हुआ.
कैसे काम करता है Khoji
ध्रुव का कहना है कि Khoji.in सिर्फ एक डेटाबेस नहीं, बल्कि एक इमोशनल सर्च इंजन है. यह भारत का पहला ऐसा प्लेटफॉर्म है जो पुलिस, NGO, समाजसेवी और अन्य लोगों को एक साधन देता है- जिससे वे सिर्फ चेहरे के माध्यम से ही लापता व्यक्ति को खोजने और अज्ञात व्यक्तियों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं.
AI की मदद से पहचान होती है. जैसे ही कोई भी मैच मिलता है, ठीक उसी समय परिवारजनों को तुरंत अलर्ट नोटिफिकेशन पहुंच जाता है और उन्हें ये पता चल जाता है कि उनका लापता व्यक्ति इस समय कहां है. ऐसे ही बहुत से लापता व्यक्ति अपने परिवारों से वापस भी मिल चुके हैं, जिनको मिलाने में Khoji.in के AI search ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
क्या है प्रक्रिया-
Khoji प्लेटफॉर्म के कई फीचर्स हैं:
अपने परिवार को रखें सुरक्षित
ध्रुव और उनकी टीम इस प्लेटफॉर्म पर एक और अनोखा फीचर पेश किया है जिससे आप अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं. Khoji.in पर अब आप अपने परिवार के सदस्यों की Personal Profile पहले से बना सकते हैं. इसके लिए आप 199 रुपये/साल या तीन साल के लिए 599 रुपये का प्लान से सकते हैं.
आप हाल की फोटोग्राफ़्स, सरकारी पहचान पत्र (जैसे आधार, पैन आदि), उम्र, लिंग और अन्य बुनियादी जानकारी अपलोड कर सकते हैं. अगर आप यह प्रोफ़ाइल किसी भी दुर्घटना से पहले बना देते हैं, तो यह सुनिश्चित करता है कि अगर कभी कोई दुर्घटना होती है, व्यक्ति खो जाता है, या किसी अनचाही स्थिति में पहुंच जाता है, तो उसकी जानकारी पहले से Khoji के सिस्टम में सुरक्षित रहती है.
ऐसे में, अगर लापता या अज्ञात व्यक्ति पुलिस, NGO या सामाजिक कार्यकर्ता को मिलता है तो वे Khoji के डाटाबेस में अलग-अलग तरीकों से सर्च कर सकते हैं. अगर उस व्यक्ति की जानकारी आपके द्वारा बनाई गई प्रोफ़ाइल से मेल खाती है, तो प्रोफ़ाइल में दिए गए परिजनों को तुरंत अलर्ट/सूचना भेजी जाती है.
यह फीचर किनके लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी है?
यह सिस्टम दोनों पक्षों को सशक्त बनाता है- परिवार और पहचान कर रहे अधिकारी को. लोगों के संदेह और परेशानियों के बावजूद Khoji की टीम ने 95 से ज्यादा मामलों को हल कर यह साबित किया कि यह कार्य संभव है. कई NGOs और पुलिस विभागों ने आधिकारिक IDs बनाकर इसका उपयोग शुरू कर दिया है. हाल ही में, उन्होंने गृह मंत्रालय के निमंत्रण पर तीन-दिवसीय पुलिस टेक समिट में भाग लिया.
ध्रुव का कहना है कि Khoji.in ने कुछ ही समय में न सिर्फ भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सरकारी मान्यता और विश्वसनीयता हासिल की है.
DigiLocker उनका आधिकारिक पार्टनर है जिससे यूजर्स सरकारी दस्तावेज़ों के साथ सुरक्षित तरीके से जानकारी साझा कर सकते हैं. साथ ही, उन्हें Atal Innovation Mission (NITI Aayog) के अंतर्गत इनक्यूबेशन मिला है. 2024 में, Khoji को Government of India द्वारा Slush 2024 (हेलसिंकी, फिनलैंड) में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया. यह विश्व के सबसे बड़े स्टार्टअप समागमों में से एक है.
Khoji टीम का लक्ष्य है कि यह तकनीक राज्य और केंद्र सरकारों के सिस्टम में इंटीग्रेटेड हो. यह एक राष्ट्रीय मिशन बन सकता है. ध्रुव का कहना है कि Khoji सिर्फ एक प्लेटफ़ॉर्म नहीं है. यह एक मिशन है, एक आंदोलन है, और भारत के हजारों परिवारों के लिए एक उम्मीद है.