सभी देश अपनी सेना को हाईटेक बनाने की दौड़ में हैं. कोई एआई का इस्तेमाल कर रहा है तो कोई और किसी अन्य तरीके को अपना रहा है. लेकिन इसी बीच दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका की सेना मेटा की तरफ चल पड़ी है. अब मेटा को तो हम फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के लिए जानते हैं, ऐसे में मेटा वहां क्या करेगा. चलिए इस खबर में इन सब बातों पर चर्चा करते हैं.
कैसे मदद करेगा मेटा
बीते कुछ सालों से मेटा वीआर (VR) जिसे हम Virtual Reality के नाम से जानते हैं, इस क्षेत्र में काम कर रही है. वह ऐसे गैजेट्स को तैयार कर रही हैं, जिनकी मदद से हम आभासी दुनिया को असल दुनिया समझ देख पाए.
मेटा ने इस क्षेत्र में मेटा ग्लास बनाए थे जिनको पहनकर यूजर के सामने कई विंडो खुल जाती थी. जिसमें कई ऐप होते थे और वह उनको इस्तेमाल भी कर पाता था. अपने ईमेल पढ़ना, इंटरनेट ब्राउज करना आदि.
सेना के लिए कैसे करेगी काम
माना जा रहा है कि मेटा ने डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर एंडिल इंजस्ट्रीज के साथ करार किया है. और इसके अंतर्गत वह अमेरिकी सेना के लिए वीआर हेलमेट और वियरेबल्स बनाने की राह में काम कर रही है. दुनिया पर परचम लहराने के बाद अब जुकरबर्ग सेना के लिए भी काम करना चाह रहे हैं. वह चाह रहे हैं कि सेना को भी एआई की सुविधाएं दी जा सकें.
किस तरह के गैजेट्स होंगे तैयार
एंड्रॉयड हेडलाइंस की रिपोर्ट के मुताबिक मेटा और एंड्रिल इंडस्ट्रीज ऐसे गैजेट्स तैयार करेगी जिसमें हाइटेक सेंसर होंगे जो एआई को डाटा देंगे, और एआई उसे प्रोसेस कर शानदार रूप में पेश करेगी. फिलहाल के लिए दोनों कंपनियां हेलमेट और वीआर चश्मे पर काम करेगी.
हेलमेट में इस प्रकार के सेंसर को लगाया जाएगा कि सेना धीमी से धीमी आवाज़ को भी स्पष्ट रूप से सुन सकें. साथ ही चश्मा रियल वर्ल्ड की इंफॉर्मेशन को एआई की मदद से प्रोसेस कर डिजिटल रूप में सैनिक के सामने पेश करेगा. इस प्रकार के चश्मों से उन हमलों से काफी हद तक बचा जा सकेगा जो ड्रोन से किए जाते हैं. या फिर अपने निशाने को और सटीक बनाया जा सकेगा.