अब ईएमआई न चुकाना पड़ेगा महंगा, फोन हो जाएगा लॉक.. नहीं कर पाएंगे लैपटॉप का इस्तेमाल, आरबीआई का नया फैसला

RBI नई व्यवस्था पर विचार कर रहा है, जिसमें EMI न चुकाने पर मोबाइल, टीवी, लैपटॉप जैसे प्रोडक्ट्स को रिमोटली लॉक किया जा सकेगा.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) स्मॉल पर्सनल लोन की रिकवरी आसान बनाने के लिए एक नई व्यवस्था तैयार कर रहा है. इसके तहत यदि ग्राहक समय पर EMI नहीं चुकाता है, तो बैंक या फाइनेंस कंपनियां उन प्रोडक्ट्स को रिमोट बेसिस पर डिसेबल (लॉक) कर सकेंगी, जिन्हें लोन पर खरीदा गया है. यह सिस्टम मोबाइल फोन, स्मार्ट टीवी, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर लागू होगा.

क्यों जरूरी पड़ा यह कदम?
वित्त विशेषज्ञ आदिल शेट्टी बताते हैं कि फिलहाल मोबाइल, लैपटॉप जैसे उत्पादों पर मिलने वाले लोन कोलैटरल-फ्री होते हैं, यानी इनके लिए ग्राहकों को कोई गारंटी नहीं देनी पड़ती. इसी कारण इन पर ब्याज दर 14-16% तक रहती है. यदि यह नया सिस्टम लागू होता है तो ये लोन सिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आ जाएंगे, जैसे होम या ऑटो लोन होते हैं. ऐसे में बैंकों को अधिकार देने से पहले ब्याज दरों में भी कमी करनी होगी.

नई व्यवस्था से जुड़ी 5 बड़ी बातें

1. भारत में कैसे लागू होगा?
मोबाइल, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप जैसे डिवाइस में पहले से एक ऐप या सॉफ्टवेयर इंस्टॉल रहेगा. यदि ग्राहक समय पर EMI नहीं चुकाता, तो वह सॉफ्टवेयर डिवाइस को लॉक कर देगा.

2. क्या डेटा सुरक्षित रहेगा?
नियम के तहत ग्राहक की सहमति लेना जरूरी होगा और डिवाइस लॉक होने पर भी व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित रहेगा. लेकिन बैंकों को लाखों ग्राहकों के डिवाइस तक पहुंच मिल जाएगी, जिससे डेटा लीक, ब्लैकमेलिंग और साइबर रिस्क बढ़ने की संभावना रहेगी.

3. किन-किन प्रोडक्ट्स पर संभव?
मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी जैसे डिजिटल डिवाइस में यह आसानी से लागू किया जा सकता है. कई देशों में कार/बाइक पर भी ऐसा सिस्टम मौजूद है. हालांकि फ्रिज, वॉशिंग मशीन या फर्नीचर जैसी नॉन-डिजिटल वस्तुओं के लिए अब भी परंपरागत रिकवरी एजेंट और कानूनी रास्ता ही अपनाना होगा.

4. दूसरे देशों में क्या हो रहा है?

  • अमेरिका: कार लोन पर 'किल स्विच' टेक्नोलॉजी से EMI न देने पर गाड़ी बंद हो जाती है.
  • कनाडा: 'स्टार्टर इंटरप्ट डिवाइस' लगाए जाते हैं, EMI न देने पर गाड़ी स्टार्ट नहीं होती.
  • अफ्रीका (केन्या, नाइजीरिया): 'पे-एज़-यू-गो' सोलर सिस्टम में भुगतान न होने पर कंपनी बैटरी या पैनल बंद कर देती है.

क्यों है यह अहम?
होम क्रेडिट फाइनेंस की 2024 की स्टडी के अनुसार, देश में हर तीन में से एक ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक सामान EMI पर खरीदता है. भारत में 1.16 बिलियन से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं और 1 लाख रुपये से कम के लोन में डिफॉल्ट दर सबसे ज्यादा है. ऐसे में नया सिस्टम इस स्थिति को सुधार सकता है.

 

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