दुनिया की सबसे बड़ी एआई चिप कंपनी एनवीडिया (Nvidia) ने टेक वर्ल्ड में सबको चौंकाते हुए 900 मिलियन डॉलर (करीब 8000 करोड़ रुपए) की डील के जरिए भारतीय मूल के टेक लीडर रोचन शंकर (Rochan Sankar) और उनकी पूरी टीम को हायर कर लिया है. इससे टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है. इसके साथ ही एनवीडिया ने रोचन शंकर की टेक्नोलॉजी का लाइसेंस भी ले लिया है.
क्यों किया हायर
रोचन शंकर सिलिकॉन वैली की एआई हार्डवेयर कंपनी एन्फैब्रिका (Enfabrica) के फाउंडर, प्रेसिडेंट और सीईओ हैं. उनकी कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सबसे मुश्किल पहेली सुलझा दी है. दरअसल, उनके स्टार्टअप ने AI की दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती 'एक साथ हजारों चिप्स को जोड़कर सुपरकंप्यूटर की तरह काम कराने' का समाधान खोजा है. यही इनोवेशन एनविडिया को इतना खास लगा कि उसने न सिर्फ रोचन शंकर और उनकी टीम को हायर किया बल्कि उनकी टेक्नोलॉजी का लाइसेंस भी ले लिया.
AI मॉडल्स की सबसे बड़ी चुनौती
AI मॉडल्स को ट्रेन्ड करने के लिए हजारों-लाखों चिप्स की जरूरत होती है, लेकिन नेटवर्क स्लो रहने पर महंगे चिप्स का यूज नहीं हो पाता है. ये खाली बैठे रहते हैं. एन्फैब्रिका की टेक्नोलॉजी इस समस्या को खत्म करती है. रोचन शंकर की कंपनी Enfabrica की तकनीक 1 लाख तक एआई चिप्स को एक साथ जोड़ सकती है, वह भी बिना नेटवर्क स्लो हुए. यही वजह है कि Nvidia ने रोचन शंकर और उनकी टीम को अपने साथ जोड़कर इतना बड़ा दांव लगाया है. Nvidia ऐसा करने वाली पहली कंपनी नहीं बल्कि इससे पहले Meta और Google जैसी दिग्गज कंपनियां भी ऐसा कदम उठा चुकी हैं. मेटा ने कुछ महीने पहले ही स्केल एआई (Scale AI) में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है तो गूगल ने भी एक एआई स्टार्टअप से टॉप टैलेंट को अपनी टीम में शामिल किया है.
रोचन शंकर का ऐसा रहा है सफर
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने वाले रोचन शंकर ने कई स्टार्टअप्स और पब्लिक सेमीकंडक्टर कंपनियों में अहम भूमिकाएं निभाई हैं. रोचन शंकर एन्फैब्रिका से पहले ब्रॉडकॉम (Broadcom) में सीनियर डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं. यहां उन्होंने डेटा सेंटर ईथरनेट स्विच सिलिकॉन बिजनेस को लीड किया.
यहां उन्होंने Tomahawk और Trident जैसी चिप जेनरेशन लॉन्च करवाईं और 25जी ईथरनेट तथा वाइटबॉक्स नेटवर्किंग जैसे बड़े इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स सेट किए. रोचन शंकर के नाम अब तक 6 पेटेंट दर्ज हैं. यही वजह है कि आज टेक्नोलॉजी दुनिया में उनका नाम तेजी से सुर्खियों में है. रोचन शंकर अब Nvidia से जुड़ चुके हैं. रोचन शंकर की यह उपलब्धि भारत के लिए गौरव की बात है. ऐसा माना जा रहा है कि Nvidia का यह दांव आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर की स्पीड और डायरेक्शन दोनों तय करेगा.