ब्रिटेन की फैशन मैग्जीन वोग के कवर पेज पर आना दुनिया की हर खूबसूरत मॉडल का सपना होता है. मॉडल का नाम सुनते ही ज़ेहन में खूबसूरत लड़की की तस्वीर उकर जाती है, लेकिन कहते हैं खूबसूरती का कोई पैमाना नहीं होता, नजर-नजर का फर्क होता है. अब ब्रिटेन की फैशन मैग्जीन वोग ने वही लोगों को वही नज़रिया दे दिया है. मैग्जीन वोग के कवर पेज पर इस बार 9 ऐसी लड़कियों ने अपनी जगह बनाई है जिनका चेहरा तो काला है लेकिन दिल खूबसूरत है. इनकी खूबसूरती, तीखे नैन नक्श ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. ये लड़कियां अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश की नहीं हैं.. ये लड़कियां अफ्रीकी देशों की हैं, कवर पेज पर पर छाने वाली इन लड़कियों के नाम हैं -अडट अकेच, न्यागुआ रूया, अनोक येई, मैजेस्टी अमारे, अमार आकवे, जेनेट जंबो, मैटी फॉल, अबेनी नहायल और अकोन चेंगकाऊ.
एक गोरी महिला की तस्वीर से पैदा हुई ये सोच
वोग के एडिटर इन चीफ एडवर्ड एन्नीफुल कहते हैं कि ब्लैक वुमन को कवर पेज पर लेने का आइडिया 1990 के एक फोटोग्राफर पीटर लिंढबर्ग की तस्वीर से आया. इस तस्वीर में सिर्फ एक गोरी महिला दिखाई गई थी. एडवर्ड को लगा कि क्यों न ऐसी लड़कियों को रखा जाए जो अफ्रीका से हों और स्मार्ट हों. उनका यह आइडिया काम कर गया.
खूबसूरती की नई परिभाषा गढ़ने की एक कोशिश,और दुनिया भर ने इसे कबूल किया
एडवर्ड ने बताया कि इन 9 लड़कियों ने खूबसूरती की तमाम बंदिशों को तोड़ दिया है. इन्हें कवर पेज पर लेकर हमने खूबसूरती की नई परिभाषा लिखनी चाही और वो कामयाब हो गई. एडवर्ड का ही यह आइडिया था कि इस बार फैशन मॉडल को नए सिरे से रिडिफाइन किया जाए. उनके इस आइडिए को दुनियाभर में सोशल मीडिया पर जबरदस्त वाहवाही मिल रही है.
काला होने पर बहुत कुछ बर्दाशत किया .. और आज यही कालापन बन गया पहचान
कवर पेज पर आने वाली अडट अकेच अपने अनुभव को लेकर कहती हैं कि " जब मैंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब मॉडलिंग शूरू की तो ब्लैक होने की वजह से हमें न जाने क्या क्या कहा गया इस फील्ड में न कोई सूडानी और न ही कोई अफ्रीकी मॉडल मिली" फिर मैं एक ऐसे शो में गई, जहां मेरी जैसी अफ्रीकी देशों की कई और लड़कियां थीं. इससे बड़ा बदलाव आया है. मुझे बड़ी खुशी हुई कि हमारे जैसी कई और लड़कियों के लिए भी दुनिया में जगह है"
सोशल मीडिया की बदौलत मिल पाई मंजिल
वोग पर छाने वाली इन लड़कियों का कहना है कि इस सब के पीछे सोशल मीडिया का बहुत बड़ा योगदान है. अनोक कहती हैं कि मैं मिलान या पेरिस के शो में जाने के लिए एजेंट के चक्कर लगाती थी. रवांडा, बुरुंडी या यूगांडा की लड़कियां इनके चक्करों में फंस जाती थीं. मगर, अब वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर ने हमें अपनी मंजिल दिलाई.