इजरायल पर हमास के अचानक हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. इस हमले को 50 साल पहले हुए योम किप्पुर युद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है. यह 1973 के योम किप्पुर युद्ध के बाद इजरायल पर सबसे घातक हमला है. हमास ने शनिवार को इजरायल पर अटैक किया था जिसमें अभी तक कई सौ लोग मारे जा चुके हैं. बता दें, योम किप्पुर युद्ध में 2,500 से अधिक इजरायली सैनिक मारे गए थे.
हालांकि, इन सबके बीच इजरायली सुरक्षा और खुफिया सेवाएं, शिन बेट और मोसाद पर सवाल उठ रहे हैं. उनके सतर्क प्रयासों के बावजूद, हमास का ये हमला विनाशकारी साबित हुआ है. इंटेलिजेंस और सिक्योरिटी में अपने बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड के लिए प्रसिद्ध मोसाद अब हमास के हमले को विफल करने में असमर्थ नजर आ रही है.
कैसे काम करती है मोसाद?
दरअसल, मोसाद, अपने 3 अरब डॉलर के वार्षिक बजट और 7,000 कर्मचारियों के साथ, सीआईए (CIA) के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जासूसी एजेंसी है. ये एजेंसी बाकी एजेंसियों की ही तरह काफी गोपनीय तरीके से काम करती है. खुफिया जानकारी जुटाने और सीक्रेट मिशन के लिए जिम्मेदार अलग-अलग विभागों की देखरेख करती है.
इन सभी विभागों की देखरेख करती है मोसाद
मोसाद कई सारे काम के लिए जिम्मेदार है. इसमें कई सारे काम हैं जैसे कलेक्शन डिपार्टमेंट, इसके अलावा, राजनीतिक गतिविधियों की देखरेख करना और विदेशी खुफिया सेवाओं का सहयोग करना. साथ ही स्पेशल ऑपरेशंस डिवीजन (मेट्साडा) के अभियानों को अंजाम देना. मोसाद एलएपी विभाग जो मनोवैज्ञानिक युद्ध से जुड़ा है, को भी देखता है.
कहां हुई सुरक्षा में चूक?
बाहरी खतरों की सफल रोकथाम के लिए पहचानी जाने वाली इजरायल की मोसाद को हाल के हमास हमले की आशंका में अपनी विफलता के कारण जांच का सामना करना पड़ रहा है. हमास के हमले के बाद अब लगातार सवाल उठ रहे हैं कि कैसे हमास बिना पहचान में आए हजारों रॉकेट इकट्ठा करने और इजरायल की सुरक्षा को तोड़ने में कामयाब रहा.
मोसाद के एजेंट हैं हर जगह
गौरतलब है कि मोसाद के पास फिलिस्तीनी आतंकवादी समूहों के साथ-साथ लेबनान, सीरिया और अन्य जगहों पर भी मुखबिर और एजेंट हैं. लेकिन माना जा रहा है कि कंटीली तारों वाली बाड़ एक "स्मार्ट बैरियर" थी, जो ठीक उसी तरह की घुसपैठ को रोकती थी जैसी इस हमले में हुई है. फिर भी हमास के आतंकवादियों ने बस इसके माध्यम से अपना रास्ता बना लिया, तार में छेद कर दिया या समुद्र से और पैराग्लाइडर से इजरायल में प्रवेश किया.
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