जानिए क्या है Farmer Managed Natural Regeneration तकनीक... जिसके लिए इस ऑस्ट्रेलियाई कृषि वैज्ञानिक को मिला शांति पुरस्कार... अफ्रीकन देश में हरी भरी हुई 50 लाख हैक्टेयर जमीन

गिप्सलैंड के टोनी रिनाउडो मिट्टी और पौधों के वैज्ञानिक हैं. उन्होंने 1980 के दशक में नाइजर में काम शुरू किया. जहां दूसरे लोग सिर्फ बंजर भूमि देखते थे, वहां टोनी ने संभावना देखी.

Tony Rinaudo (Photo: Facebook/@World Vision New Zealand)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

पश्चिम अफ्रीका का नाइजर ऐसा देश है जिसे रेगिस्तान जैसी बंजर धरती के लिए जाना जाता था. यहां मिट्टी में नमी का नामोनिशान नहीं था और किसानों के सपने हर मौसम के साथ सूख जाते थे, ऐसे हालातों में किसी ने सोचा भी नहीं था कि यहां फिर से हरियाली लौट सकती है. लेकिन एक ऑस्ट्रेलियाई, टॉनी रिनाउडो ने अपनी नज़र और मेहनत से असंभव को संभव कर दिखाया. उन्होंने नाइजर की सूखी मिट्टी से पेड़ों की नई कहानी लिखी, जिसने न सिर्फ लाखों लोगों का पेट भरा बल्कि उनके जीवन में शांति भी ला दी.

बंजर जमीन में संभावना देखने वाला नजरिया
गिप्सलैंड के टोनी रिनाउडो मिट्टी और पौधों के वैज्ञानिक हैं. उन्होंने 1980 के दशक में नाइजर में काम शुरू किया. जहां दूसरे लोग सिर्फ बंजर भूमि देखते थे, वहां टोनी ने संभावना देखी. उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर FMNR (Farmer-Managed Natural Regeneration) नामक तकनीक विकसित की.

इस तकनीक के तहत पहले काटे गए पेड़ों की जड़ और कंद से नए पेड़ उगाए जाते हैं. इससे न केवल मिट्टी की सेहत सुधरी, बल्कि किसानों का भी फायदा हुआ. टोनी रिनाउडो की इस कोशिश के लिए उन्हें 2025 लक्समबर्ग पीस प्राइज फॉर आउटकस्टैंडिंग एनवायरनमेंटल पीस से नवाजा गया.

कैसे मिला यह आइडिया 
टोनी ने ABC News को बताया कि गांव में पौधों की डिलीवरी के दौरान उन्होंने अपने वाहन के टायर का हवा कम की ताकि रेत पर आसानी से गाड़ी चला सकते हैं. लेकिन जब वह टायर की हवा कम करने के लिए झुके तो उनका ध्यान एक ‘बेकार झाड़ी’ पर गया. लेकिन यह कोई झाड़ी नहीं थे बल्कि एक टूटे हुए पेड़ के ठूंठ से नया पेड़ उग रहा है. उन्होंने तुरंत इस पर ध्यान दिया और पुराने कटे हुए पेड़ों के ठूंठ से नए पेड़ उगाने की प्रक्रिया शुरू की. इसके परिणामस्वरूप नाइजर में बंजर भूमि धीरे-धीरे हरी-भरी होती गई.

पुनर्योजी कृषि क्या है?
पुनर्योजी कृषि (Regenerative Agriculture) ऐसी खेती है जिसमें प्राकृतिक प्रणाली का पालन किया जाता है. इसमें शामिल हैं:

  • मिट्टी की सेहत सुधारना: जैविक खाद, कंपोस्ट और फसल चक्र (Crop Rotation) का इस्तेमाल.
  • पेड़ों और पौधों का महत्व: खेतों में पेड़ लगाकर मिट्टी की नमी और उर्वरता बनाए रखना.
  • जैव विविधता (Biodiversity): अलग-अलग तरह की फसलें और पशुओं को एक साथ रखकर खेत का संतुलन बढ़ाना.
  • कार्बन उत्सर्जन कम करना: पेड़ और पौधे हवा से कार्बन सोखकर वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं.
  • जल संरक्षण: वर्षा जल संग्रह और मिट्टी में नमी बनाए रखने पर ध्यान.

टोनी का कहना है कि यह तकनीक ऑस्ट्रेलिया में भी अपनाई जा सकती है, लेकिन वहां भारी मशीनरी और मजदूरी की ज्यादा लागत को ध्यान में रखना होगा.

नाइजर में मिली सफलता

  • पिछले 20 वर्षों में नाइजर में टोनी की तकनीक के तहत हर साल 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि में पेड़ उगाए गए और कुल 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 200 मिलियन पेड़ लगे.
  • कृषि उत्पादन में सालाना 900 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ.
  • किसानों ने 500,000 टन अतिरिक्त अनाज उगाया, जिससे 2.5 मिलियन लोगों की भूख मिटी.

टोनी बताते हैं कि नाइजर जैसी गरीब और कठोर जलवायु वाली जगह में यह उपलब्धि बहुत बड़ी है.

भूख और शांति का संबंध
World Vision Australia के अंतरिम मुख्य कार्यकारी ग्रांट बायल्डन के अनुसार, टोनी की तकनीक ने भूमि को न केवल हरा-भरा किया बल्कि समुदायों को आत्मनिर्भर और शांतिपूर्ण बनाने में मदद की. टोनी कहते हैं, "जब संसाधन कम होते हैं जैसे खाना, पानी, ईंधन तो संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन जब संसाधन पर्याप्त होते हैं, तो लोग शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं."

सम्मान और मान्यता
टोनी रिनाउडो ने पुरस्कार प्राप्त करने पर किसानों को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन लाखों छोटे किसानों के लिए है जिन्होंने उनके साथ यह रिस्क लिया और अपनी जमीन को फिर से हरा-भरा किया. उनका काम यह साबित करता है कि एक व्यक्ति और कुछ पेड़ पूरे समुदाय की भूख मिटा सकते हैं और शांति ला सकते हैं.

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