लॉस एंजिल्स में हंगामा! ट्रम्प ने भेजी 2000 नेशनल गार्ड, सड़कों पर आंसू गैस और आग ही आग 

लॉस एंजिल्स अब सियासी और सामाजिक जंग का केंद्र बन चुका है. ट्रम्प प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह पीछे नहीं हटेगा. ICE ने कहा कि वह अपनी रेड्स को जारी रखेगा, और ट्रम्प ने संकेत दिया है कि अगर प्रदर्शन बढ़े, तो और शहरों में सैनिक तैनात किए जा सकते हैं. दूसरी ओर, न्यूजम और बास ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

लॉस एंजिल्स में हंगामा (फोटो-गेटी इमेज)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST

अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में सड़कें जंग का मैदान बन चुकी हैं! राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर 2000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है. यह सब शुरू हुआ अवैध प्रवासियों के खिलाफ फेडरल इमिग्रेशन रेड्स से, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर हंगामा मचा दिया  फ्रीवे बंद, आंसू गैस, रबर बुलेट्स, जलते हुए वाहन और पुलिस के साथ हिंसक झड़पें- यह नजारा लॉस एंजिल्स का है, जहां अब हालात बेकाबू हो चुके हैं. 

लॉस एंजिल्स में क्यों मचा है बवाल?
यह सब शुक्रवार को शुरू हुआ, जब यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने लॉस एंजिल्स में कई जगहों पर छापेमारी की. फैशन डिस्ट्रिक्ट से लेकर होम डिपो की पार्किंग तक, फेडरल एजेंट्स ने 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया. इन रेड्स के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने तुरंत सड़कों पर उतरकर विरोध शुरू कर दिया.

शनिवार को हालात तब और बिगड़ गए, जब पैरामाउंट के होम डिपो के पास भारी भीड़ जमा हो गई. प्रदर्शनकारी मेक्सिकन झंडे लहराते हुए और नारे लगाते हुए ICE एजेंट्स के खिलाफ खड़े हो गए. कुछ ने पत्थर और मलबा फेंका, तो जवाब में पुलिस ने आंसू गैस, फ्लैश-बैंग ग्रेनेड्स और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया. सड़कों पर धुआं, आग और अफरातफरी का माहौल बन गया.

फर्स्टपोस्ट के अनुसार, रविवार को यह प्रदर्शन और भड़क उठा. प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे को जाम कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने इसे गैरकानूनी सभा घोषित कर दिया. सड़कों पर वायमो की सेल्फ-ड्राइविंग कारें जल उठीं, और धुएं के गुबार शहर के आसमान में दिखने लगे.

मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर के बाहर नेशनल गार्ड की तैनाती के बाद भीड़ और उग्र हो गई. प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए सैनिकों को उकसाने लगे, और जवाब में पुलिस ने फिर से आंसू गैस और गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल किया. इस हिंसा में दर्जनों लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें एक मशहूर यूनियन लीडर डेविड हुआर्टा भी शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर ICE वाहनों को रोकने के लिए हिरासत में लिया गया.

नेशनल गार्ड की तैनाती
राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस बवाल को देखते हुए शनिवार रात एक प्रेसिडेंशियल मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर कर 2000 नेशनल गार्ड सैनिकों को लॉस एंजिल्स भेज दिया. यह फैसला बेहद विवादास्पद रहा, क्योंकि ट्रम्प ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम की मंजूरी को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. ट्रम्प ने टाइटल 10 का इस्तेमाल किया, जो राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल में नेशनल गार्ड को सीधे फेडरल कमांड में लेने की शक्ति देता है. उनके मेमोरेंडम के मुताबिक, यह तैनाती 60 दिनों तक या रक्षा सचिव के विवेक पर रहेगी.

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ट्रम्प ने इसे साफ कर दिया, “हम अपने देश को बर्बाद नहीं होने देंगे. अगर गवर्नर न्यूजम और मेयर करेन बास अपने काम नहीं कर सकते, तो फेडरल सरकार दंगाइयों और लूटेरों का हिसाब करेगी!” 

ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, “लॉस एंजिल्स में हालात बहुत खराब हैं. सैनिकों को तैनात करो, मास्क पहनने वालों को गिरफ्तार करो!” रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने और आग में घी डालते हुए कहा कि अगर हिंसा नहीं रुकी, तो कैम्प पेंडलटन से 500 मरीन्स को भी तैनात किया जा सकता है. रविवार दोपहर तक, ट्वेंटीनाइन पाम्स में 500 मरीन्स को “तैनाती के लिए तैयार” स्थिति में रखा गया.

नेशनल गार्ड क्या है?
नेशनल गार्ड अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं का रिजर्व हिस्सा है, जिसमें आर्मी नेशनल गार्ड और एयर नेशनल गार्ड शामिल हैं. 1903 में मिलिशिया एक्ट के तहत स्थापित, यह राज्य और फेडरल सरकार दोनों की सेवा करता है. आमतौर पर गवर्नर के अधीन, नेशनल गार्ड प्राकृतिक आपदाओं जैसे तूफान, जंगल की आग या बाढ़ में राहत कार्यों में मदद करता है. हाल ही में, जनवरी 2025 में कैलिफोर्निया की जंगल की आग और 2005 में हरीकेन कैटरीना के दौरान इसकी भूमिका देखी गई थी. इसके अलावा, 2021 में जॉर्ज फ्लॉयड प्रदर्शनों और कैपिटल दंगों के दौरान भी नेशनल गार्ड तैनात किया गया था.

लेकिन टाइटल 10 के तहत, राष्ट्रपति इसे फेडरल कमांड में ले सकते हैं, जैसा कि ट्रम्प ने किया. यह एक दुर्लभ कदम है, जो आखिरी बार 1965 में राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन ने अलबामा में सिविल राइट्स मार्च की सुरक्षा के लिए उठाया था. ट्रम्प का यह कदम न केवल विवादास्पद है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या यह कानूनी है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टाइटल 10 (10 U.S.C. § 12406) राष्ट्रपति को विद्रोह दबाने या फेडरल कानून लागू करने के लिए नेशनल गार्ड को बुलाने की अनुमति देता है. लेकिन गवर्नर न्यूजम ने इसे “असंवैधानिक” और “राज्य संप्रभुता का उल्लंघन” करार दिया है.

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कैलिफोर्निया बनाम ट्रम्प
गवर्नर न्यूजम और लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बास ने ट्रम्प के इस कदम की कड़ी आलोचना की है. न्यूजम ने इसे “जानबूझकर भड़काऊ” और “अवैध” बताया, और कहा कि वह ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे. उन्होंने X पर लिखा, “यह तानाशाही है, न कि राष्ट्रपति का काम. लॉस एंजिल्स में कानून प्रवर्तन की कोई कमी नहीं है. यह एक बनावटी संकट है.” मेयर बास ने कहा, “यह तैनाती सार्वजनिक सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि एक अलग एजेंडे के लिए है. यह शहर को और अशांत कर रही है.” पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी ट्रम्प पर निशाना साधते हुए कहा, “यह क्रूर और सुनियोजित पैंतरेबाजी है, जिसका मकसद डर और विभाजन फैलाना है.”

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा, हिंसा का मंजर
प्रदर्शनकारी ICE की रेड्स को “क्रूर” बता रहे हैं. पैरामाउंट, जो 80% हिस्पैनिक आबादी वाला शहर है, में लोग डर के साए में हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “ये लोग मेहनती माता-पिता और मजदूर हैं, इन्हें अपराधी की तरह क्यों ट्रीट किया जा रहा है?” यूनियन लीडर डेविड हुआर्टा की गिरफ्तारी ने भी आग में घी डालने का काम किया. उनकी यूनियन ने बयान जारी कर कहा, “यह अन्याय है. हमें एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा.”

सड़कों पर हिंसा का मंजर है. प्रदर्शनकारियों ने कंक्रीट, बोतलें और इलेक्ट्रिक स्कूटर फेंके, तो पुलिस ने जवाब में आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया. कई जगहों पर आगजनी और लूटपाट की खबरें भी सामने आई हैं. लॉस एंजिल्स पुलिस चीफ जिम मैकडॉनेल ने कहा, “हिंसा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करते हैं, लेकिन संपत्ति को नुकसान और हिंसा को सहन नहीं करेंगे.”

लॉस एंजिल्स अब सियासी और सामाजिक जंग का केंद्र बन चुका है. ट्रम्प प्रशासन ने साफ कर दिया है कि वह पीछे नहीं हटेगा. ICE ने कहा कि वह अपनी रेड्स को जारी रखेगा, और ट्रम्प ने संकेत दिया है कि अगर प्रदर्शन बढ़े, तो और शहरों में सैनिक तैनात किए जा सकते हैं. दूसरी ओर, न्यूजम और बास ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
 

 

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