भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 देशों के दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम मोदी सबसे पहले घाना पहुंचे हैं. घाना में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया. इस देश में 30 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री पहुंचा है. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने अकरा में जुबली हाउस में राष्ट्रपति जॉन महामा के साथ बैठक की. जुबली हाउस घाना के राष्ट्रपति का आवास है. इसको बनाने में भारत ने अहम भूमिका निभाई थी. इसके निर्माण की जिम्मेदारी भी एक भारतीय कंपनी के पास थी.
भारत ने दिया 30 मिलियन डॉलर का ग्रांट-
घाना के राष्ट्रपति के आवास जुबली हाउस का निर्माण के लिए भारत सरकार ने अनुदान दिया था. भारत ने जुबली हाउस परियोजना के लिए 30 मिलियन डॉलर के ग्रांट दिया था. बीबीसी के पत्रकार डेविड अमानोर के मुताबिक इसकी लागत 45-50 मिलियन डॉलर हो सकती है.
भारतीय कंपनी ने किया था जुबली हाउस का निर्माण-
घाना के राष्ट्रपति के सरकारी आवास जुबली हाउस के निर्माण का जिम्मा एक भारतीय कंपनी शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी लिमिटेड के पास था. जुबली हाउस के निर्माण का कार्य साल 2006 में शुरू हुआ था. जबकि नवंबर 2008 में इसका उद्घाटन हुआ था.
16 हजार वर्ग मीटर में फैला है जुबली हाउस-
जुबली हाउस 16750 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के कार्यालय हैं. इसके अलावा इसमें राष्ट्रपति का महल भी शामिल है. शुरुआत में इसकी लागत 36.9 मिलियन डॉलर आंकी गई थी. लेकिन बाद में इसकी लागत बढ़ती गई.
ब्रिटिश काल में भी अहम थी ये जगह-
जुबली हाउस अकरा में राष्ट्रपति भवन है. इस भवन को एक ऐसी इमारत की जगह बनाया गया है, जिसका निर्माण और इस्तेमाल ब्रिटिश गोल्ड कोस्ट सरकार अपने प्रशासनिक मकसदों के लिए करती थी. इस समय ऐसा भी था, जब इस भवन को फ्लैगस्टाफ हाउस के नाम से जाना जाता था. साल 1957 में घाना की आजादी के बाद से ही ये भवन सियासत में अहम भूमिका रही. पहले राष्ट्रपति ओसाग्यफो डॉ नक्रूमा के निवास और कार्यालय के तौर पर इस इमारत में काम होता था. लेकिन 2008 में इसका नाम बदलकर जुबली हाउस कर दिया गया.
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